जेम्स वेब ने कर दिखाया नायाब कारनामा

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जेम्स वेब का नायाब  कारनामा

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो आम आदमी तो क्या वैज्ञानिकों की सोच से भी कोसो दूर है। जी हां 500 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर की गैलेक्सी (आकाशगंगा) की अद्भुत सुंदर तस्वीर को कैमरे में कैद किया है। खास बात यह है कि जूम कर तस्वीर ली गई है, जो वास्तव में आश्चर्यजनक है।

5 सौ मिलियन प्रकाशवर्ष दूर है यह गैलेक्सी
अंतरिक्ष में स्थापित दूरबीन जेम्स वेब ने अपशगंगा की रंगीन तस्वीर को कैमरे में कैद किया है। यह बेहद मनमोहक तस्वीर है। पांच सौ मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर किसी वस्तु की तस्वीर लेना आसान नहीं है। मगर वैज्ञानिक व इंजीनियर की अथक मेहनत ने इसे आसान कर दिखाया है।
कार्टह्वील है इस आकाशगंगा का नाम
इस गैलेक्सी का नाम कार्टह्वील है। इसकी रंगीन छवि देखते ही बनती है। कोई भी इसकी सुंदरता से मोहित हुए बिना नहीं रह सकता। हमसे लाखों प्रकाश वर्ष की कोई चीज इतनी मनमोहक भी हो सकती है, इसका अंदाजा भी लगा पाना मुस्किल है।
इस अत्याधुनिक तकनीक से हुआ संभव
JWST दूरबीन में दो उपकरण ऐसे है, जिसके जरिए यह संभव हो पाया। जिसमें एक है नियर इन्फ्रारेड कैमरा और दूसरा मिड इन्फ्रारेड उपकरण है। जिसने जूम कर कार्टव्हील गैलेक्सी को धरतीवासियों के सामने प्रस्तुत कर दिखाया है। तस्वीर भी इतनी साफ है कि इसके आगे के शोध कर पाना आसान होगा।
दूसरी गैलेक्सी से टकरा सकती है यह अकाशगंगा
ब्रह्माण्ड की कोई भी वस्तु सुरक्षित नहीं है।  वह जीवन हो, ग्रह नक्षत्र हो या फिर असंख्य तारों से भरी आकाशगंगा ही क्यों न हो। ये जानकर आश्चर्य जरूर होता है, लेकिन सास्वत सत्य यही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में यह आकाशगंगा भी किसी दूसरी आकाशगंगा से टकरा जाएगी।
क्या कहते हैं भारतीय वैज्ञानिक
एरीज के वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि विज्ञान के विकास के जरिए भौतिक सुख सुविधाओं का भोग कर पाने में सफल हो पाए हैं। अब बारी सुदूर अंतरिक्ष की बारी है। जिसमें मानव की पहुंच बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके चलते जेम्स वेब टेलीस्कोप उदाहरण के रूप में हमारे सामने है। 1610 में पहली टेलीस्कोप बनी। इसके बाद टेलीस्कोप के निरंतर विकास ने पीछे मुड़कर नही देखा। जिसके परिणाम स्वरूप टेलीस्कोप धरती से 15 लाख किमी दूर पहुंच गई है, तो असंभव नहीं कि हम अंतरिक्ष के आखिरी छोर तक पहुंच सकेंगे।

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