अंतरिक्ष मौसम की निगरानी करेगा इसरो का आदित्य एल1

Share It!

अंतरिक्ष मौसम पर नजर रखेगा इसरो का आदित्य एल 1

ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह पृथ्वी है, जिसके मौसम ने हम प्राणियों को जीवन दिया है। पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रहों की बात करें तो हर किसी ग्रह का अपना मौसम है, लेकिन पृथ्वी जैसा मौसम किसी भी अन्य ग्रह पर नही है, जीवन के अनुकूल है। ग्रहों से हटकर एक मौसम ऐसा भी है, जो ग्रहों को प्रभावित करता है। यह मौसम अंतरिक्ष मौसम हैं। इससे आने वाले सौर तूफान किसी भी ग्रह को प्रभावित कर सकते हैं और पृथ्वी को तो खासकर। जिससे निबटने के लिए भारत आदित्य एल 1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। जुलाई में आदित्य को छोड़ दिया जाएगा। इसरो ने लॉन्च करने की तैयारी में जुटा हुआ है।

सूर्य की निगरानी करेगा करेगा आदित्य एल 1

इसरो का आदित्य एल1 मिशन इसरो का पहला सौर मिशन सौर मिशन है। आदित्य एल 1 सूर्य की हर गतिविधि पर नजर रखेगा। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर इसे स्थापित किया जाएगा। आदित्य के जरिए सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों के पास बेहतर सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा क्रोमोस्फीयर और फोटोस्फीयर का अध्ययन हो सकेंगे। साथ ही सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन हो सकेगा। इतना ही नहीं सूर्य से आने वाले उच्च ऊर्जावान कणों को लेकर रिसर्च संभव हो सकेगी।

इसरो के साथ कई संस्थान जुड़े हैं इस मिशन से

इसरो के आदित्य एल1 मिशन में आईआईए बैंगलूरु, आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान नैनीताल, उदयपुर सौर वेधशाला, एआरआईईएस, टीआईएफआर मुंबई समेत देश की कई अन्य संस्थान काम कर रहे हैं। वर्ष 2008 में इस मिशन पर काम शुरू हो गया था। 15 साल बीत चुके हैं। कोविड के कारण इस मिशन के लॉन्च किए जाने में विलंब हुआ है। सबकुछ ठीक रहा तो जुलाई में इसे भेज दिया जाएगा।

भू चुम्बकीय सौर तूफानों से अलर्ट करेगा आदित्य एल 1

सूर्य हमारे सौर मंडल का मूल तारा होने के कारण इसके तमाम अच्छे बुरे प्रभाव पृथ्वी पर असर डालते हैं। ये तो तो वरदान है कि सूर्य का प्रकाश हमारे लिए जीवनदाता है। मगर इसके कई दुष्प्रभाव भी पृथ्वी को झेलने पड़ते हैं। जिनमें सबसे बड़ा प्रभाव सूर्य से धरती की ओर आने वाले सौर तूफान हैं। इन्ही पर आदित्य की पैनी नजर रहेगी। आदित्य एल 1 मिशन सूर्य से पृथ्वी की ओर आने वाले सौर तूफानों की भविष्यवाणी करने में सक्षम होगा। दरसल सौर तूफानों से हमारे कई देशों के इलेक्ट्रोनिक व इलेक्ट्रिकल उपकरण ध्वस्त कर चुके हैं। अब दिनोदिन अंतरिक्ष में स्थापित किए जा रहे सैटलाइट के लिए सौर तूफान सबसे बड़ा खतरा हैं। जिन्हे बचाने में आदित्य अद्वितीय भूमिका निभाएगा।

एरीज , हल्द्वानी (नैनीताल) में डेटा एनालाइज होगा सूर्य का

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान ( एरीज) नैनीताल आदित्य के स्थापित किए जाने के बाद डेटा विश्लेषण का काम करेगा। इसके लिए एरीज हल्द्वानी में डेटा सेंटर स्थापित करने जा रहा है। आदित्य द्वारा भेजे जाने वाले डेटा को डेटा सेंटर में एकत्र कर विश्लेषण करने का काम होगा। इस कार्य में एरीज के वैज्ञानिक तो होंगे और शोध छात्रों के अलावा विश्व विद्यालयों के भौतिक विज्ञान के छात्रों को डेटा अनालाइसेज करने का सुनहरा मौका मिलेगा।

श्रोत & फोटो: इसरो।


Share It!