सेकेण्ड से भी कम समय में ब्लैक होल से बाहर निकल जाता है जेट

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एक सेकंड से भी कम समय में ब्लैक होल से बाहर निकल जाता है जेट

ब्लैक होल आज भी रहस्यों के सागर समान हैं। ब्रह्मांड की इन महाशक्तियों को समझने के लिए खगोलविद प्रयासरत हैं। हालाकि इनके बारे में कई बेसिक जानकारियां हमे पता है, लेकिन अनेक जानकारियां आज भी रहस्य बनी हुई हैं। अब एक नई जानकारी सामने आई है , जिसका जिक्र आज की खबर में कर रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने छोटे ब्लैक होल से निकलने वाले जेट की तीव्रता के साथ होने वाले परिवर्तन का पहली बार पता लगाया गया है। वुहान विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। इस घटना में खगोलविदों ने गैस और धूल से भरे एक छोटे ब्लैक होल द्वारा उत्सर्जित होने वाले चुंबकीय प्लाज़्मा के जेट में रहस्य को पहचान लिया है।
शोधकर्ता वैज्ञानिक प्रो वेई वांग व उनकी टीम ने इसका खुलासा किया है। यह खोज जीआरएस 1915+105 माइक्रोक्वासर ब्लैक होल पर की गई। क्वासर बेहद चमकीले सुपरमैसिव ब्लैक होल होते हैं जो सूर्य से लाखों या अरबों गुना विशाल हो सकते हैं। ब्लैक होल की शक्ति, प्रकार व उनमें होने वाली प्रतिक्रिया को लेकर वैज्ञानिक लंबे अर्से से अध्ययनरत हैं। दरअसल ब्लैक होल को लेकर बहुत सी जानकारी अभी भी नही मिल पाई है। जिन्हें समझने को लेकर दुनिया मे वैज्ञानिकों का का बड़ा समूह कार्य कर रहा है। यह अध्ययन चीन में पांच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार रेडियो टेलीस्कोप (एफएएसटी) से प्राप्त डेटा के आधार पर किया गया है। इस खोज में वैज्ञानिक तीन वर्ष से जुटे हुए थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीआरएस 1915+105 एक तारकीय ब्लैक होल की परिक्रमा करने वाला एक नियमित तारा है, जो विशाल ब्लैक होल की परिक्रमा करता है। इस तारे की कुछ सामग्री ब्लैक होल अपने भीतर खींच लेता है। मगर सामग्री को निगलने के बाद पचा नहीं पाता है और उसे उगल देता है। जिसमे तेज गति से जेट बाहर निकलता है और ब्लैक होल के ध्रुवों से बाहर निकलता स्पष्ट दिखाई देता है। इस खोज में जेट से निकलती ऊर्जा को मापा गया और इस दौरान उसमें होने वाले परिवर्तन को देखा गया। दशमलव सेकंड से भी कम समय में होने वाली इस दुर्लभ खगोलीय घटना को वैज्ञानिकों ने दो बार देखा।

ब्लैक होल को मिलने वाली ऊर्जा पर प्रकाश डाल सकती है यह शोध

नक्षत्र अक्विला की दिशा में पृथ्वी से लगभग 28,000 प्रकाश वर्ष दूर इस घटना को देखा गया। यह घटना से ब्लैक होल को भोजन के रूप में मिलने वाली ऊर्जा का पता चल सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि रेडियो तरंगों में देखा जाने वाला यह जेट व माइक्रोक्वेसर ब्लैक होल में होने वाले परिवर्तन का पहला सबूत है। इस खोज से ब्लैक होल के आगे के अध्ययन में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सकेगी।

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