सैंकड़ों ज्वालामुखी धधकते हैं गुरु के इस चंद्रमा पर : ताजा खोज

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सैंकड़ों ज्वालामुखी धधकते हैं गुरु के इस चंद्रमा पर

हमारी दुनिया से आगे और भी अनगिनत दुनिया हैं। उन ग्रहों में होने वाले हादसों के बारे में हम सोच भी नही सकते है। जैसे जैसे इन ग्रहों के रहस्यों का पता चलता है तो आंखे फैल जाती हैं और सोचकर आश्चर्य होता है कि आखिर ऐसे कैसे होता होगा। पिछले कुछ महीनों में जितनी भी महत्वपूर्ण खोज हुई हैं, वो सारी चौंकाने वाली हैं। जिनमें मंगल पर बर्फबारी और सुनामी, टाइटन की दुनिया और दो एक्जो प्लेनेट के गर्म पानी के सागर के अलावा बाहरी ग्रह हैं रहने योग्य,,, ये सारी खोज हाल की हैं। जिनके बारे में जानकर पता चलता है कि वास्तव में हम भाग्यशाली हैं कि पृथ्वी जैसी अलौकिक दुनिया के वासी हैं। जहां जल जीवन जंगल समेत अनेक संपदाएं हैं, जो जीवन देती है। मगर अब जो नया खुलासा है, वो आश्चर्य जताने के लिए प्रयाप्त है। इस नई खोज में बृहस्पति के चंद्रमा आयो ( I O) में मैग्मा के धधकते महासागर की नई तस्वीर सामने आई है। नासा के अंतरीक्ष यान जूनो ने यह तस्वीर ली है। आयो की धरती पर बेशुमार धधकते ज्वालामुखी हैं। नई खोज बताती है कि आईओ के इंटीरियर में मैग्मा का वैश्विक महासागर का कारण इसके भीतर गर्म व ठोस कोर है। आयो हमारे सौर मंडल का सबसे अधिक सक्रिय ज्‍वालामुखी वाला उपग्रह है, जो सैकड़ों सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।

सौरमंडल का सार्वाधिक उबलता सक्रिय चंद्रमा है आयो 

आयो न केवल ज्वालामुखीय रूप से सक्रिय है, यह सौर मंडल में सबसे अधिक सक्रिय सक्रिय स्थान है, जो पृथ्वी से भी ज्यादा सक्रिय है । इसकी सतह लावा और गंधक की झीलों से ढकी हुई है। जिस कारण इसे विशिष्ट रूप से रंगीन और चित्तीदार रूप प्रदान करती है। वैज्ञानिक आयो को ज्वालामुखी का बिजलीघर की संज्ञा देते हैं। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैल्टेक) के वैज्ञानिकों ने पिछले माह शिकागो में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन फॉल मीटिंग (AGU22) में दो शोध प्रस्तुत किए थे।

 अत्यधिक गर्म कोर का राज अभी भी बरकरार

बेहिसाब सक्रिय इस चंद्रमा का कोर अत्यधिक गर्म होने का कारण अभी भी ज्ञात नही हो सका है। वैज्ञानिक अभी भी यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि आईओ के तीव्र ज्वालामुखी को कौन प्रेरित करता है। समझा जाता है कि बृहस्पति और चंद्रमा यूरोपा के बीच एक गुरुत्वाकर्षण रस्साकशी प्रक्रिया में आईओ को खींचती और निचोड़ती है। यह Io के इंटीरियर में घर्षण गर्मी पैदा करता है। मगर वैज्ञानिक इस विचार से अस्वस्त नहीं हैं कि Io के अंदर गर्मी कैसे जमा होती है।

अभी भी बहस का मुद्दा बना हुआ है यह चंद्रमा

चन्द्रमा आईओ पर अभी तक कई बार शोध हो चुके हैं। कई व्याख्या सामने आ चुकी हैं। जिस कारण बेशुमार ज्वालामुखी उगलने वाला यह उपग्रह आज भी बहस का मुद्दा बना हुआ है। लिहाजा इस पिंड पर भविष्य में भी रिसर्च होती रहेगी। फिलहाल वर्तमान में इस ग्रह पर जीवन की संभावना नहीं हो सकती। मगर इतना जरूर है कि इसके बारे में हम जितना जान पाएंगे, उससे अन्य ग्रहों को समझने में मदद मिलेगी।

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AGU22: आयो पर एक उपसतह मैग्मा महासागर की संभावना वADS: Io पर एक उपसतह मैग्मा महासागर की संभावना।

फोटो: NASA/JPL कालटेक/ SwRI/ ASI/INAF/JIRAM .


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