वैश्विक सुनामी ने किया था डायनासोर का सफाया: रिसर्च

क्षुद्रग्रह के कारण आई थी वैश्विक सुनामी, डायनासोर का हो गया था सफाया सुनामी की बारे में कई बार सुना और देखा भी होगा।। पानी में आग की इस विभीषिका को कई लोगों ने महसूस किया होगा। मगर वैश्विक स्तर की सूनामी की बारे में कभी नहीं सुना होगा। ऐसी सूनामी, जिसने दुनिया को तबाह कर दिया। जीव जंतुओं का नामो निशान मिटा दिया। उस युग में जन्मा कोई भी जीव शायद ही जीवित रहा हो। आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कैसे हो सकता है। मगर यह भी सोचना होगा कि ऐसा क्या है, जो इस संसार में नहीं हो सकता। चाहे अच्छा से अच्छा हो या बुरा से बुरा, इस दुनिया में सबकुछ संभव है। आंखिर इंसान की उम्र ही कितनी है, जो अरबों साल पुरानी पृथ्वी में हुए हादसों को जिसने देखा हो। बस एक जरिया है ज्ञान विज्ञान का, जो हमें हजारों, लाखों, करोड़ों साल के अतीत की जानकारी देता और भविष्य में होने वाले हादसों से आगाह करता है। ये सब जिक्र करने के पीछे की वजह यह है कि हाल के एक शोध ने ऐसा खुलासा किया है, जो बताता है कि पृथ्वी का पूरा संसार सूनामी का दंश झेल चुका है। यह आपदा 6.6 करोड़ साल पहले आई थी और क्षुद्रग्रह ग्रह के कारण आई थी। मिशिगन विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञानियों ने 4 अक्टूबर 2022 को यह रहस्य उजागर किया है और बताता कि पृथ्वी से टकराने वाले और 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों का सफाया करने वाले क्षुद्रग्रह ने भी एक विशाल वैश्विक सुनामी को जन्म दिया। एक सप्ताह से भी कम समय में विलुप्त हो गए थे प्राणी खतरनाक सूनामी की वह लहर एक मील (1.6 किमी) से अधिक ऊंची थी, जो मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर चिक्सुलब प्रभाव स्थल से हजारों मील दूर समुद्र तल को छानने के लिए काफी थी। इस सूनामी ने एक सप्ताह से भी कम समय में प्राणियों को विलुप्त कर दिया था। शोधकर्ताओं ने इस प्राचीन सुनामी में निहित प्रारंभिक ऊर्जा की गणना की है। जिससे उन्हें पता चला कि यह विनाशकारी सूनामी दिसंबर 2004 में हिंद महासागर भूकंप से आई सुनामी की ऊर्जा से 30,000 गुना बड़ी थी । 2004 में आई सुनामी वर्तमान रिकॉर्ड में सबसे बड़ी सुनामियों में से एक थी। अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन, ओपन-एक्सेस जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध यह रिसर्च कंप्यूटर मॉडलिंग और भूवैज्ञानिक साक्ष्य के संयोजन पर आधारित की गई। 4 अक्टूबर को अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के ओपन-एक्सेस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि उकने सामने न्यूजीलैंड जैसा देश का साक्ष्य उनके सामने मौजूद है। वाज्ञानिकों ने भूगर्भिक तथ्यों के साथ कंप्यूटर मॉडल बनाया और क्रॉस-चेक के किए 120 भूवैज्ञानिक साइटों की जांच की गई। तब जाकर वैश्विक सुनामी के प्रमाण सामने आए। मुख्य लेखक मौली रेंज के अनुसार यह सुनामी इतनी बड़ी थी कि दुनिया भर में आधे रास्ते में समुद्र के घाटियों में तलछट को नष्ट करने में सक्षम थी। इस आपदा ने तलछटी अभिलेखों में एक अंतर कर दिया या फिर पुराने तलछटों की गड़गड़ाहट छोड़ दी। यह भी समझ लीजिए कि शोधकर्ताओं का कहना है कि न्यूजीलैंड के उत्तरी और दक्षिणी द्वीपों के पूर्वी तटों पर के-पीजी सीमा के बहिर्गमन उनके अध्ययन के लिए विशेष महत्व रखते हैं। यह क्षेत्र युकाटन प्रभाव स्थल से 7,500 मील (12,000 किमी) दूर है। न्यूजीलैंड तलछट मूल रूप से स्थानीय टेक्टोनिक गतिविधि का परिणाम माना जाता था। लेकिन उसकी उम्र और चिक्सुलब प्रभाव सूनामी के मॉडल वाले उसके मार्ग की स्थिति से समझा जा सकता है। तटीय इलाकों में बढ़ती चली गई लहरें लेखकों ने कहा कि उनका अध्ययन स्पष्ट रूप से तटीय बाढ़ का मॉडल नहीं था, लेकिन अध्ययन से पता चला कि उन लहरों की ऊंचाई 10 मीटर से अधिक रही होगी। वह सुनामी उत्तरी अटलांटिक तटीय क्षेत्रों के अलावा दक्षिण अमेरिका के प्रशांत तट के कुछ हिस्सों के पास थी। जैसे-जैसे सुनामी उन तटरेखाओं के पास आई समुद्री लहरें बड़ते चली गई। कुल मिलाकर वैज्ञानिकों का यह शोध सुनामी की पहली वैश्विक स्तर की आपदा को उजागर करता है। स्रोत: चिक्सुलब प्रभाव ने एक शक्तिशाली वैश्विक सुनामी उत्पन्न की AGU . के माध्यम से
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क्षुद्रग्रह के कारण आई थी वैश्विक सुनामी, डायनासोर का हो गया था सफाया  
सुनामी की बारे में कई बार सुना और देखा भी होगा।। पानी में आग की इस विभीषिका को कई लोगों ने महसूस किया होगा। मगर वैश्विक स्तर की सूनामी की बारे में कभी नहीं सुना होगा। ऐसी सूनामी, जिसने दुनिया को तबाह कर दिया। जीव जंतुओं का नामो निशान मिटा दिया। उस युग में जन्मा कोई भी जीव शायद ही जीवित रहा हो। आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कैसे हो सकता है। मगर यह भी सोचना होगा कि ऐसा क्या है, जो इस संसार में नहीं हो सकता। चाहे अच्छा से अच्छा हो या बुरा से बुरा, इस दुनिया में 
सबकुछ संभव है। आंखिर इंसान की उम्र ही कितनी है, जो अरबों साल पुरानी पृथ्वी में हुए हादसों को जिसने देखा हो। बस एक जरिया है ज्ञान विज्ञान का, जो हमें हजारों, लाखों, करोड़ों साल के अतीत की जानकारी देता और भविष्य में होने वाले हादसों से आगाह करता है। ये सब जिक्र करने के पीछे की वजह यह है कि हाल के एक शोध ने ऐसा खुलासा किया है, जो बताता है कि पृथ्वी का पूरा संसार सूनामी का दंश झेल चुका है। यह आपदा 6.6 करोड़ साल पहले आई थी और क्षुद्रग्रह ग्रह के कारण आई थी। मिशिगन विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञानियों ने 4 अक्टूबर 2022 को यह रहस्य उजागर किया है और बताता कि पृथ्वी से टकराने वाले और 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों का सफाया करने वाले क्षुद्रग्रह ने भी एक विशाल वैश्विक सुनामी को जन्म दिया।
  
एक सप्ताह से भी कम समय में विलुप्त हो गए थे प्राणी
खतरनाक सूनामी की वह लहर एक मील (1.6 किमी) से अधिक ऊंची थी, जो मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर चिक्सुलब प्रभाव स्थल से हजारों मील दूर समुद्र तल को छानने के लिए काफी थी।  इस सूनामी ने एक सप्ताह से भी कम समय में प्राणियों को विलुप्त कर दिया था। शोधकर्ताओं ने इस प्राचीन सुनामी में निहित प्रारंभिक ऊर्जा की गणना की है। जिससे उन्हें पता चला कि  यह विनाशकारी सूनामी दिसंबर 2004 में हिंद महासागर भूकंप से आई सुनामी की  ऊर्जा से 30,000 गुना बड़ी थी । 2004 में आई सुनामी वर्तमान रिकॉर्ड में सबसे बड़ी सुनामियों  में से एक थी। 
अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन, ओपन-एक्सेस जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध
यह  रिसर्च कंप्यूटर मॉडलिंग और भूवैज्ञानिक साक्ष्य के संयोजन पर आधारित की गई।  4 अक्टूबर को अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के ओपन-एक्सेस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि उकने सामने न्यूजीलैंड जैसा देश का साक्ष्य उनके सामने मौजूद है। वाज्ञानिकों ने भूगर्भिक तथ्यों के साथ कंप्यूटर मॉडल बनाया और  क्रॉस-चेक के किए 120 भूवैज्ञानिक साइटों की जांच की गई। तब जाकर  वैश्विक सुनामी के प्रमाण सामने आए।  मुख्य लेखक मौली रेंज के अनुसार यह सुनामी इतनी बड़ी थी कि दुनिया भर में आधे रास्ते में समुद्र के घाटियों में तलछट को  नष्ट करने में सक्षम थी। इस आपदा ने तलछटी अभिलेखों में एक अंतर कर दिया या फिर पुराने तलछटों की गड़गड़ाहट छोड़ दी। 
यह भी समझ लीजिए कि 
शोधकर्ताओं का कहना है कि न्यूजीलैंड के उत्तरी और दक्षिणी द्वीपों के पूर्वी तटों पर के-पीजी सीमा के बहिर्गमन उनके अध्ययन के लिए विशेष महत्व रखते हैं। यह क्षेत्र युकाटन प्रभाव स्थल से 7,500 मील (12,000 किमी)  दूर है।  न्यूजीलैंड तलछट मूल रूप से स्थानीय टेक्टोनिक गतिविधि का परिणाम माना जाता था। लेकिन उसकी उम्र और चिक्सुलब प्रभाव सूनामी के मॉडल वाले उसके मार्ग की स्थिति से समझा जा सकता है। 
तटीय इलाकों में बढ़ती चली गई लहरें
लेखकों ने कहा कि उनका अध्ययन स्पष्ट रूप से तटीय बाढ़ का मॉडल नहीं था, लेकिन अध्ययन से पता चला कि उन लहरों  की ऊंचाई 10 मीटर से अधिक रही होगी। वह सुनामी उत्तरी अटलांटिक तटीय क्षेत्रों के अलावा दक्षिण अमेरिका के प्रशांत तट के कुछ हिस्सों के पास थी। जैसे-जैसे सुनामी उन तटरेखाओं के पास आई समुद्री लहरें बड़ते चली गई। कुल मिलाकर वैज्ञानिकों का यह शोध सुनामी की पहली वैश्विक स्तर की आपदा को उजागर करता है। 
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स्रोत: चिक्सुलब प्रभाव ने एक शक्तिशाली वैश्विक सुनामी उत्पन्न की
AGU . के माध्यम से
फोटो:sciTechDaily 

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