शुक्रवार को लगेगा चंद्रग्रहण, पर दिखेगा नही

Share It!

शुक्रवार को लगेगा चंद्रग्रहण, पर दिखेगा नही

शुक्रवार को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण लगेगा तो सही , लेकिन दिखेगा नही। इस साल का यह पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो उपछाया वाला होगा। इस ग्रहण की अवधि 4.17 घंटे रहेगी। भारतीय समय के अनुसार भारत में यह चंद्र ग्रहण पांच मई को रात 8:44 बजे शुरू हो जाएगा।

रात 1:01 बजे ग्रहण की छाया से मुक्त हो जाएगा चांद

ग्रहण के चलते चन्द्रमा की रोशनी में मामूली कमी आयेगी। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ विज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय ने बताया कि उपछाया वाले ग्रहण की पहचान मुश्किल होती है। यह सामान्य ग्रहण जैसा नजर नहीं आता है। इसके विपरित पूर्णछाया वाले ग्रहण में चन्द्रमा पर काली छाया साफ नजर आती है। भारतीय समय के अनुसार भारत में यह चंद्र ग्रहण पांच मई को रात 8:44 बजे शुरू हो जाएगा, जो देर रात 1:01 बजे तक दिखाई देगा।

एशिया, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर, प्रशांत और अटलांटिक में लगेगा यह ग्रहण

रात 10.52 बजे ग्रहण सर्वाधिक स्थिति में पहुंचेगा। इसके बाद ग्रहण छटना शुरू हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 4.17 घंटे रहेगी। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर, प्रशांत और अटलांटिक से देखा जा सकेगा। सूर्य व चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने से चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है। इस वर्ष दो चंद्रग्रहण लगने जा रहे हैं। दूसरा चंद्रग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा। इस बीच एक सूर्य ग्रहण भी होगा, जो 14 अक्टूबर को देखने को मिलेगा। यह इस वर्ष का दूसरा सूर्यग्रहण होगा, जो भारत से नहीं देखा जा सकेगा।

सिर्फ दस फीसद कमी आती है इस ग्रहण में

उपछाया वाले चंद्रग्रहण में ग्रहण के दौरान चंद्रमा की रोशनी में सिर्फ दस फीसद की कमी आती है। जिस कारण ग्रहण की पहचान नहीं हो पाती है, जबकि पूर्णछाया वाले ग्रहण में चन्द्रमा पर काली छाया साफ नजर आती है।

दो प्रकार का होता होता है चन्द्रग्रहण
चन्द्र ग्रहण दो प्रकार के होते हैं। एक अंबरा और दूसरा पैनंबरा। अंबरा में चंद्रमा पर ग्रहण की काली छाया साफ नजर आती है। मगर पैनंबरा में पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती तो है, लेकिन दिखाई नही देती। दरसल चंद्रमा की सतह पर दूसरी ओर से पड़ रहे प्रकाश के कारण पृथ्वी की छाया बेहद कम हो जाती है। इसलिए चंद्रमा की रोशनी ग्रहण के दौरान थोड़ा सा कम हो जाती है।
श्रोत: एरीज।
फोटो: नासा।


Share It!