पृथ्वीवासियों के लिए ऐतिहासिक होगा 26 सितंबर
26 सितंबर का दिन पृथ्वीवासियों के लिए इतिहास रचने जा रहा है। सिर्फ पांच दिन का इंतजार शेष है। योजना के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में पृथ्वी के सबसे बड़े दुश्मन अब हमारी गिरफ्त से बच न सकेंगे और अपना रास्ता बदल लेंगे। इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जबरदस्त तैयारी की हुई है। लिहाजा आने वाला सोमवार स्पेस वॉर में सबसे बड़ी जंग का दिन होगा। जी हां ये जंग एक उस पहाड़ से होने जा रही है, जो शायद भविष्य में धरती से टकराने की हिमाकत कर सकता है।
यह विशाल चट्टान है। नासा का अंतरिक्ष यान इस पहाड़ की दिशा बदलने जा रहा है। इस मिशन का नाम डार्ट DART है, और जिस पहाड़ का मार्ग बदलने जा रहा है, यह क्षुद्रग्रह है। जिसका नाम डिडिमोस व डिडिमोस बी है। क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष की वह शक्ति हैं, जो न जाने कितनी बार धरती को जख्मी कर चुके हैं और डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों का अस्तित्व धरती से मिटा चुके हैं। इसलिए हमारे खागोलविद मान रहे हैं यह हमारे इतिहास में पहला पृथ्वी मिशन दिन कहलाएगा।
24 नवंबर को पिछले साल 2021 में किया था लॉन्च
नासा ने इस एस्टीरॉयड को भेदने की तैयारी कई साल पहले शुरू कर दी थी और 24 नवंबर 2021 को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से अंतरिक्ष यान को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक लॉन्च किया। अब लंबी यात्रा तय करने के बाद यान डिडिमोस के करीब पहुंच चुका है। नासा का यह पहला ग्रह रक्षा परीक्षण मिशन है। जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। डार्ट का लक्ष्य क्षुद्रग्रह डिडिमोस की दिशा बदलना है। जिसमें एक का आकार 2,500 फीट (780 मीटर) व्यास का है। इसका साथी डिडिमोस बी 525 फीट (160 मीटर) व्यास है।
1996 में हुई डिडिमोस और डिडिमोस बी की खोज
क्षुद्रग्रह डिडिमोस और उसके साथी डिडिमोस बी 1996 का पता चला था। एरिज़ोना में किट पीक नेशनल ऑब्ज़र्वेटरी में स्पेसवॉच सर्वेक्षण ने इन दोनों क्षुद्रग्रह को खोजा था। डिडिमोस बी करीब 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अपने से आकर के डिडिमोस की परिक्रमा करता है। जिसे एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 घंटे का समय लगता है। खास बात यह है कि यह क्षुद्रग्रह हमारे यानी पृथ्वी के चंद्रमा की तरह ही एक हिस्सा सामने रहता है और सूर्य की रोशनी में चमकते रहता है।
खतरनाक श्रेणी में रखा है इन दोनो क्षुद्रग्रह को
वैज्ञानिकों ने डिडिमोस और उसके चंद्रमा डिडिमोस बी को संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि खतरनाक श्रेणी के आने के बावजूद वह पृथ्वी के साथ टकराव के रास्ते पर आगे बड़ रहे हैं। फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है। 2003 में यह दोनो पृथ्वी के कुछ करीब आ गए थे। तभी इन दोनो को संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रहों में वर्गीकृत किया गया था।
यह मात्र परीक्षण होने जा रहा है सुरक्षा के लिहाज से
नासा का यह केवल एक परीक्षण मिशन है। इस मिशन की सफलता पर हर दुनिया के सभी खगोल वैज्ञानिकों की नजर है। अंततः यह मानव ही नहीं बल्कि सभी प्राणियों की सुरक्षा का मिशन है। नासा इस मिशन को गतिज प्रभावक मिशन कहता है। इस मिशन में नासा का यान डिडिमोस बी को अपनी नियमित कक्षा से दूर धकेलेगा और बड़े क्षुद्रग्रह डिडिमोस का मार्ग बदल जाएगा और वह एक नए रास्ते में चल पड़ेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस टक्कर में डिडीमोस बी की गति में एक प्रतिशत बदलाव आ जाएगा, जबकि बड़े क्षुद्रग्रह की कक्षीय अवधि में कई मिनट का बदलाव आए जाएगा। इस बदलाव पर नजर रखने के लिए यान में सभी जरूरी उपकरण लगाए गए हैं साथ ही पृथ्वी की दूरबीनों से भी इस ऐतिहासिक मिशन को देखा जा सकेगा।
सीधा प्रसारण देख सकेंगे इस ऐतिहासिक पल का
डिडिमोस का पृथ्वी से 6 मिलियन किमी दूर है। यानी पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी का लगभग 16 गुना अधिक है और बता दें कि धरती से चंद्रमा की दूरी तीन लाख चौरासी हजार किमी है। यह औसत दूरी है। बहरहाल इस ऐतिहासिक घटना कहो या फिर परीक्षण को दिखाने के लिए नासा ने तैयारी कर रखी है। इसका सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा।
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Image via Arecibo/ NASA
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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