जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप की हीरे जैसे टिमटिमाते जुड़ुवा तारों की खोज

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जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप
की हीरे जैसे टिमटिमाते जुड़ुवा तारों की खोज

जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप के अस्तित्व में आने से पहले शायद ही किसीने सोचा होगा कि यह दूरबीन ब्रह्मांड के अनूठे रंगों को दिखाएगी। इस दूरबीन ने एक के बाद जितनी तस्वीरें दिखाई हैं, वह अविश्वनीय हैं। अब हीरे की तरह चमकते दो तारों की तस्वीर वास्तव में हैरत में डालती है।

खगोलविदों ने ब्रह्मांड में दो ऐसे तारों को देखा है, जो खुद का विस्तार कर रहे हैं। नासा की जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से यह खोज हुई है। निर्माणाधीन तारों में होने वाले विकास को लेकर यह खोज महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
तारों की इस जोड़ी का नाम हर्बिग-हारो 46/47 है। पृथ्वी से 1470 प्रकाश वर्ष दूर हैं। नीले रंग के यह तारे एकदम युवा हैं और अपने विकास की राह मे अग्रसर हैं। नासा की जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने उच्च-रिज़ॉल्यूश के जरिये इस जुड़ुवा तारे की मनमोहक तस्वीर कैमरे में कैद की है। नासा ने इस तस्वीर को दो दिन पहले उजागर किया है। यह दोनों तारे अंतरिक्ष में छिपे हुए थे। जिन्हें खोज पाना जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के बस की बात थी। इस खोज को लेकर जे डब्ल्यू एस टी की टीम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि तारों की मनमोहक नीली चमक नेब्यूला के कारण है। दरअसल तारों का निर्माण नेबुला में होता है। नेब्युला में उत्सर्जित होने वाली गैस व धूल सामग्री नेबुला के निचले ओर टकराती है तो इसका आकार व्यापकरूप से बढ़ जाता है। क्योंकि जेट के लिए नेबुला के भीतर अणुओं के साथ संपर्क करने का अधिक अवसर होता है। जिस कारण तारे में अनूठी चमक बनती है। इस खोज को लेकर खोजकर्ता वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे तारों के निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।

जेम्स वेब है वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी आंख

खगोलीय दुनिया को दूर तक देख पाने में जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी आंख का काम कर रही है। यह दूरबेरन नासा व यूरोपियन स्पेस एजेंसी की साझा परियोजना है, जो ब्रह्माड में 15 किमी की दूरी पर स्थापित की गई है। इस दूरबीन के अभी तक जितने भी परिणाम आये हैं, सभी हैरत में डालने वाले हैं। जुड़ुवा तारों की यह तस्वीर भी कुछ ऐसी है।
श्रोत: नासा।
फोटो: JWST.


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