यूक्लिड स्पेस टेलेस्कोप के जरिये यूरोपियन स्पेस एजेंसी की अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत

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यूक्लिड स्पेस टेलेस्कोप के जरिये यूरोपियन स्पेस एजेंसी की अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत

आधुनिक खगोल विज्ञान का इतिहास मात्र चार सौ वर्ष पुराना है। चार सौ साल में ब्रह्मांड को समझ पाने में कुछ हद तक कामयाबी खगोल विज्ञान को मिल पाई है। मगर डार्क मैटर व डार्क एनर्जी वर्तमान का सबसे बड़ा अदृश्य रहस्य बने हुए हैं। जिसका सच जानने के लिए यूरोपीयन स्पेस एजेंसी ने यूक्लिड डार्क यूनिवर्स टेलीस्कोप को स्थापित कर अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत कर दी है। यूक्लिड टेलेस्कोप दुनिया का अति महत्वकांक्षी मिशन है। इसका सफलता पूर्वक प्रेक्षेपण मानव जगत के लिए बढ़ी कामयाबी है। खगिलविदों की अपेक्षाएं इस दूरबीन से हैं। यह दूरबीन लगभग 10 अरब प्रकाश वर्ष दूर अरबों आकाशगंगाओं का विश्लेषण करने में सक्षम है और ब्रह्मांड के उस अंधेरे हिस्से पर रोशनी डाल सकती है, जिससे हम अभी तक अनभिज्ञ हैं। इस दूरबीन ने अपनी सफलता का पहला सबूत सोमवार 31 जुलाई को दे दिया है। यह सबूत यूक्लिड ने ब्रह्मांड के सुदूर क्षेत्र की अनेक आकाशगंगाओं की तस्वीर भेजकर दिया है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) ने पहली तस्वीरों को जारी कर कहा है कि उद्देश्य पूर्ति के शुरुआती चरण में वह कामयाब हुआ है और जल्द उस लक्ष को हासिल कर लेगा, जिसके लिए यूक्लिड टेलीस्कोप को स्थापित किया गया है। इंस्टीट्यूट डी एस्ट्रोफिजिक डे पेरिस व यूक्लिड कंसोर्टियम के खगोलशास्त्री यानिक मेलियर का कहना है कि प्राप्त की गई उत्कृष्ट पहली छवियां ब्रह्मांड विज्ञान और सांख्यिकीय खगोल विज्ञान के लिए एक नए युग की शुरुआत करती हैं। वे डार्क एनर्जी की प्रकृति की खोज की शुरुआत कर चुके हैं। खास बात यह है कि 1.6 मिलियन किमी यानी 15 लाख किमी दूर 28 जुलाई को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से जुड़ गई है। जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप नासा व इएसए का साझा मिशन है। JWST के साथ यूक्लिड के शामिल हो जाने से खगोल के रहस्यों को समझ पाने में अपार मदद मिलेगी, ऐसी उम्मीद की जाती है।

ब्रह्मांड में लगातार फैल रही है डार्क एनर्जी

खगोलविद कहते हैं कि अंतरिक्ष में एक अदृश्य गुब्बारा हर दिशा में चारो ओर फैल रहा है। अजीब बात यह है कि यह इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इस परिवर्तन की वजह से वैज्ञानिक ब्रह्मांड की दृश्यमान वस्तुओं का आंकलन कर पाने में समस्या हो रही है। यह बहुत तेजी से ब्रह्मांडीय विस्तार को गति दे रहा है। जिस कारण डार्क ऐनर्जी का जल्द पता लगाना बेहद जरूरी हो गया है और इस दिशा में यूक्लिड किसी अंजाम तक पहुँचाएगी।
श्रोत: अर्थ स्काई।
फोटो: इएसए ।


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