30 जनवरी को लगेगा ग्रहण

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30 जनवरी को मंगल पर लगेगा चंद्रग्रहण

सूर्य और चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना साल में कई बार देखने को मिलती है, लेकिन इस बार जो ग्रहण होने जा रहा है, सूर्य या चंद्रमा पर नही, बल्कि मंगल पर लगने जा रहा यह अद्भुत ग्रहण 30 व 31 जनवरी की रात को लगने जा रहा है। जिसे दुनिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा। इस खगोलीय घटना को लेकर खगोल के प्रति दिलचस्पी रखने वाले लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं और अब इस घटना का समय नजदीक आ गया है तो इसके प्रति उत्सुकता भी काफी बड़ गई। भले ही यह ग्रहण के समान घटना है, लेकिन खगोलविद इसे अकल्तेशन का नाम देते हैं। इस घटना में हमारा चंद्रमा मंगल ग्रह के सामने आ जाएगा और मंगल चंद्रमा की ओट में कुछ देर के लिए छिपा रहेगा। ज्योतिष के अनुसार इस घटना का राशियों में क्या प्रभाव पड़ेगा, इस संदर्भ में ज्योतिष ही बता सकते हैं, लेकिन स्याह अंधेरे में दूर गगन में नजर आने वाली यह खगोलीय घटना बेहद दिलचस्प होगी। साथ ही बिना दूरबीन के नग्न आंखों से देखा जा सकेगी।

दुनिया के चंद देशों से देखा जा सकेगी यह घटना

यह अद्भुत खगोलीय घटना दुनिया के कुछ ही हिस्सों से देखा जा सकेगी। जिनमें दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया के कुछ हिस्सों के अलावा दक्षिणी रॉकीज़, दक्षिण-पश्चिम रेगिस्तान के साथ-साथ टेक्सास, ओक्लाहोमा के ज़्यादातर हिस्सों में और दक्षिणी जॉर्जिया, फ़्लोरिडा समेत इसके कुछ बाहरी हिस्सों से इस घटना का सबसे शानदार नजारा देखने को मिलेगा। जिसमे चंद्रमा मंगल ग्रह के सामने से गुजरेगा। वैज्ञानिक इसे गूढ़ता का रहस्य भी कहलाएगा। । इस ग्रहण को मेक्सिको, क्यूबा और मध्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में भी देखा जा सकता है।

दो साल में सिर्फ छः माह लाल रंग में चमकता नजर आता है मंगल

लाल ग्रह मंगल लगभग दो साल में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। इस दौरान वह मात्र छः माह ऐसे होते हैं, जब वह बेहद चमकदार नजर आता है और इन दिनों वह चमकदार फेस से गुजर रहा है। साथ में काफी लालिमा लिए हुए भी है। लालिमा के कारण इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। हमारे आकाश में मंगल की दृश्यता का लगभग दो साल का चक्र है। इस चक्र के वह छह के अतिरिक्त समय बूझा ही नजर आता है। छः के दौरान सूर्य की तरफ उसका फेस होता है। जिस कारण वह बेहद आकर्षक नजर आता है।।

30 जनवरी को चंद्रमा और मंगल के पास के तारे

मंगल के निकट लाल रंग का तारा एल्डेबरन, द आई ऑफ़ टॉरस द बुल मौजूद है। एल्डेबरन आपको एक वी-आकार के स्टार क्लस्टर के लिए मार्गदर्शन कर सकता है। इसके अलावा प्लीएड्स का नाज़ुक सितारा समूह ओरियन द हंटर के पास आकाश में नीचे झिलमिलाता नजर आयेगा।

भारत से नजर नहीं आयेगा मंगल ग्रहण

यह खगोलीय घटना भारत से नही देखी जा सकेगी। क्योंकि जब चंद्रमा की ओट में लाल ग्रह मंगल जा छिपेगा तो उस दौरान भारत में दिन हो रहा होगा। यह सामान्य खगोलीय घटना है।

डा शशिभूषण पांडेय (खगोल वैज्ञानिक)

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ट खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि यह सामान्य खगोलीय घटना है। आसमान में अक्सर इस तरह के नजारे देखने को मिलते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से यह घटना इस नाते अहम हो जाती है कि समय व गणना की पुष्टि हो जाती है। मंगल ग्रहण चंद्रग्रहण की यह घटना देखने में वास्तव में दिलचस्प होगी।

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श्रोत: अर्थ स्काई

फोटो: Starry Night Software


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