सौर तूफान की बढ़ी चपेट में आने से बची पृथ्वी

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सूर्य की सतह पर जबरदस्त विस्फोट हो गया। यह विस्फोट इतना भीषण था कि इसमें निकली ज्वाला पृथ्वी जैसी 20 ग्रहों को निगल सकती थी।

इस सोलर चक्र में आग उगलता सूर्य थमने का नाम नही ले रहा है। बीती रात सूर्य में हुए भीषण विस्फोट से 20 पृथ्वी को निगल जानी ज्वाला निकली। गनीमत रही कि इससे उठे सौर तूफान की दिशा पृथ्वी के विपरीत थी। जिस कारण सैटेलाइटस व हवाई सेवाओं को किसी तरह का नुकसान नही पहुचा।

यह विस्फोट भीषण था। इस विस्फोट में निकली लपटें पृथ्वी से 20 गुना बढ़ी थी। 28 जुलाई को भारतीय समय के अनुसार रात 9 बजे यह विस्फोट दर्ज किया गया। सूर्य की सतह पर पिछले कई दिन से सनस्पॉट संख्या एआर3372 बना हुआ था। जिससे बढ़े विस्फोट की संभावना बनी हुई थी और विस्फोट इतना बढ़ा हुआ कि इसमें उठी ज्वाला कल्पना से परे थी। जिसकी लपेटे लाखों किमी दूर फैल गई। जिसे नासा समेत कई अंतरिक्ष एजेंसियों की अंतरीक्ष दूरबीनों ने कैद किया है। इस ज्वाला की तीब्रता एम4 श्रेणी की आंकी गई है। इस विस्फोट में हाई चार्ज पार्टिकल आसमान के बढ़े हिस्से में छिटक गए। इसके साथ निकले सौर तूफान की दिशा पृथ्वी की ओर नही थी। वरना हवाई सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हो सकता था और सैटेलाइट भी प्रभावित हो सकते थे। इधर सौर वसिज्ञानिक डॉ वहाब ने बताया कि यह आग का गोला इतना चौड़ा था कि लगभग 20 ग्रह पृथ्वी को निगल सकता था।

अभी भी कई सन स्पॉट बने हैं सूर्य की सतह पर

नैनीताल: डॉ वहाबउद्दीन ने बताया कि सूर्य पर अभी भी कई सन स्पॉट बने हुए हैं। जिनमें विस्फोटों की आशंका बनी हुई है। आने वाले दिनों मे विस्फोटों का सिलसिला जारी रहेगा। यह 25 वा सोलर साइकिल है। जिसमें सूर्य अधिकतम सक्रियता के दौर से गुजर रहा है। माना जा रहा है कि सौर सक्रियता 2025 तक जारी रहेगी। इसके बाद विस्फोट कम होते चले जाएंगे। सूर्य से उठने वाली ज्वालाएं पृथ्वी के इकेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिकल उपकरणों के लिए बेहद खतरनाक होती है। साथ ही सैटेलाइट को बढ़ा नुकशान पहुँचा सकती हैं। इनकी वजह से मोबाइल सिग्नल प्रभावित होते हैं और हवाई सेवाओं के सिग्नल भी ठप हो जाते हैं। जिस कारण सौर वैज्ञानिक सूर्य की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं।
श्रोत: स्पेस वेदर
फोटो: SDO


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