खोज निकाला धरती के तीन खतरनाक दुश्मनों को 

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खोज निकाला धरती के तीन खतरनाक दुश्मनों को 
शुक्र व पृथ्वी के बीच छिपे धरती के तीन बड़े दुश्मन यानी क्षुद्रग्रहों को खोज निकलने में वैज्ञानिको को बड़ी कामयाबी मिली है। इन क्षुद्रग्रहों से निकट भविष्य में कोई खतरा नहीं है। मगर इस खतरे पर निगाह रखना बेहद जरूरी है, जो भविष्य में कभी भी पृथ्वी को अपना निशाना बना सकते हैं। वैज्ञानिकों ने सोमवार को इस खोज का खुलासा किया। यह खोज आसान नहीं थी। सूर्य की चकाचौंध रोशनी में इन्हे खोज पाना आसान नहीं होता। मगर अत्याधुनिक कैमरे व तकनीक के जरिए यह संभव हो सका है। माना जाता है कि बृहस्पति के नजदीक बेशुमार क्षुद्रग्रहों की दुनिया है, लेकिन हमारे इतने करीब   विशाल आकार के मायावी क्षुद्रग्रह मौजूद हो सकते हैं, इससे हम आजतक अनजान ही थे।
एक मील चौड़ा है यह खतरनाक क्षुद्रग्रह
लगभग 1 मील चौड़ा क्षुद्रग्रह का नाम 2022 AP7 है । वैज्ञानिकों का कहना है कि संभवतः आठ वर्षों में पाया जाने वाला सबसे बड़ा और खतरनाक क्षुद्रग्रह है। फिलहाल इनके पृथ्वी की ओर आने की दिशा का पता नही है,  लेकिन इसकी कक्षा कभी भी पृथ्वी के पथ में स्थापित होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। एक विशेष कैमरे की मदद से इन्हे खोजा जा सका है। खगोलविदों ने कहा कि सूर्य-आलिंगन यानी सूर्य के बेहद करीबी क्षुद्रग्रह हैं। ये  क्षुद्रग्रह एक मायावी आबादी का हिस्सा हैं जो पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के अंदर दुबके रहते हैं।
चिली  स्थित दूरबीन से हुई इस तिकड़ी की खोज
खगोल वैज्ञानिकों ने टक्सन, एरिज़ोना में स्थित NSF के NOIRLab से सोमवार 31 अक्टूबर को कहा कि आंतरिक सौर मंडल में छिपे तीन नए पृथ्वी के समीप क्षुद्रग्रहों की खोज चिली में स्थित दूरबीन से की गई। जिसमें विशेष कैमरे का उपयोग किया गया। यह अंतरिक्ष का एक विशाल क्षेत्र है। यह क्षेत्र पृथ्वी के करीब  होने के बावजूद इन्हे खोज पाना इसलिए आसान नहीं है, क्योंकि  यह क्षेत्र सूर्य की की रोशनी से चकाचौंध रहने वाला हिस्सा है। मगर जब सूर्य क्षितिज के ठीक नीचे था। जिसके चलते उन्हे देख पाना संभव हो सका। सूर्य के नजदीकी क्षुद्रग्रह की तिकड़ी खोज पाने में विशेष कैमरे का कमाल है। यह कैमरा धुंधली रोशनी में से धुंधली से धुंधली वस्तुओं को निकालने में सक्षम है।
साथी क्षुद्रग्रह 2021 LJ4 और 2021 PH2 
 इस खोज में दो अन्य क्षुद्रग्रह 2021 LJ4 और 2021 PH27 हैं। इनकी  कक्षाए  पृथ्वी की कक्षा की तुलना में सुरक्षित रूप से सूर्य के करीब रहती हैं। लेकिन 2021 PH27 की खासियत यह है कि यह अब तक का सूर्य के सबसे निकटतम क्षुद्रग्रह है। यह इतना गर्म है कि जो सीसा भी पिघला सकता है।
2021 PH27 की कक्षा को लेकर वैज्ञानिक अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं। इसके अत्यधिक ताप ने खगोलविदों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
DECam नाम है खोज में खास भूमिका निभाने वाले कैमरे का
DECam कैमरे ने इस खोज में बड़ी भूमिका निभाई है। यह अतिधिनिक है और धुंधली वस्तुओं को भी अपनी गिरफ्त में लेने की क्षमता रखता है। खगोलविदों ने चिली में स्थित  सेरो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी में विक्टर एम. ब्लैंको 4-मीटर टेलीस्कोप से इस कैमरे का इस्तमाल किया। यह डार्क एनर्जी वाला कैमरा है। डार्क एनर्जी हमारे ब्रह्मांड की एक अजीब संपत्ति है, जिसमें ब्रह्मांड की विस्तार दर – जिस दर से आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर भाग रही हैं – न केवल स्थिर है, बल्कि तेजी से विकसित हो रही है। इस कैमरे से 2013 से 2019 तक डार्क एनर्जी प्रोजेक्ट पर काम किया और बड़े पैमाने पर ब्रह्मांड पर डेटा एकत्र किए।
क्षुद्रग्रह 1036 गेनीमेड है सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह
 क्षुद्रग्रह 1036 गेनीमेड अभी तक का सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है । जिसका व्यास लगभग 25.5 मील  है। माना जाता है कि डायनासोर का सफाया करने वाले क्षुद्रग्रह का व्यास लगभग 6 मील  था। बड़े आकार वाले किसी भी ज्ञात क्षुद्रग्रह से अगले सौ साल तक पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है। मगर छोटे क्षुद्रग्रह पृथ्वी को अक्सर अपना निशाना बना लेते हैं। मगर ये उतने खतरनाक नहीं होते। यह ज्यादातर समुद्र के ऊपर गिरते हैं।
रूस के 1,000 से अधिक लोगों को बूरी तरह घायल किया था 2013 में 
यह घटना हमारे सामने की है। 9 साल पहले 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क से 14 मील से अधिक ऊपर 30 परमाणु बमों के बराबर लगभग 60 फुट का उल्का विस्फोट हुआ था। जिसने घरों की खिड़कियों के कांच के चिथड़े उड़ा दिए थे। इस घटना के 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे।  क्षुद्रग्रह जमीन पर न पहुंचने पर भी कहर बरपा सकते हैं। वैज्ञानिक ऐसा मानते है कि पृथ्वी के करीब 460 फीट (140 मीटर) या उससे छोटे क्षुद्रग्रहों में से लगभग 60 फीसद अभी भी अज्ञात हैं। सूर्य की चकाचौंध रोशनी के निकट के आज तक केवल लगभग 25 क्षुद्रग्रहों की खोज की गई है जिनकी कक्षाएँ पूरी तरह से पृथ्वी की कक्षा के भीतर हैं।
सिर्फ 10 मिनट का वक्त मिलता है इन्हे खोजने का
 सौर मंडल के आंतरिक क्षेत्र में क्षुद्रग्रहों को खोजना बेहद कठिन चुनौती भरा कार्य है। इस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए खगोलविदों के पास प्रत्येक रात केवल 10 मिनट का समय मिलता है। सूर्य की तेज रोशनी में आकाश के बड़े हिस्से से जूझना पड़ता है। इसके अलावा  खगोलविदों को पृथ्वी के वायुमंडल की एक मोटी परत के माध्यम से निरीक्षण करना पड़ता है, जो उनके नतीजों को नुकसान पंहुचा सकता है। तमाम चुनौतियों के बावजूद इन तीन नए क्षुद्रग्रहों की खोज अद्वितीय है।
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स्रोत: पृथ्वी और शुक्र के आंतरिक क्षुद्रग्रहों के लिए एक गहरा और चौड़ा विस्तृत सर्वेक्षण।
फोटो: NOIRLAB .

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