निष्क्रिय हुआ चीनी मार्स रोवर ?
चीनी मार्स रोवर ज़ुरोंग लगभग छह महीने से काम करना बंद कर दिया है। इसकी कोई आधिकारिक बयान नहीं आने से कहा जा रहा है कि इसका मिशन समाप्त हो गया है। बहरहाल अभी इसमें संशय बना हुआ है। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनएसए की ओर से रोवर के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बताया जा रहा है कि रोबर ने मंगल ग्रह पर धूल भरी सर्दी में रोवर ने निष्क्रिय अवस्था में प्रवेश किया था। नासा के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर को संचालित करने वाले वैज्ञानिकों ने इसके निष्क्रिय होने की खबर दी है।
मंगल की कक्षा में चीनी रोवर 2021 में पहुंचा था
चीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (CNSA) के तियानवेन-1 मिशन ने 10 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। यहां तक पहुंचने के लिए यान को 202 दिन का सफर तय करना पड़ा था। इसके तीन माह बाद ज़ुरॉन्ग रोवर ने मई में यूटोपिया प्लैनिटिया नामक स्थान पर उतारा। यह क्षेत्र मंगल के उत्तरी गोलार्ध में खुला मैदान है। रोवर ने स्थलाकृतिक, भूवैज्ञानिक, मिट्टी, खनिज और रॉक डेटा एकत्र कर एक साल बाद 18 मई, 2022 तक योजनाबद्ध तरीके से काम किया।
CNSA की ओर से ज़ुरोंग रोवर के बारे में अंतिम आधिकारिक बयान
डिजाइन योजना और उड़ान नियंत्रण रणनीति के अनुसार, रेत और धूल के मौसम और सर्दियों में बेहद कम परिवेश के तापमान के कारण सौर पंखों की कम बिजली उत्पादन क्षमता के चलते मार्स रोवर ने 18 मई को स्लीप मोड में प्रवेश किया। और कहा कि यह अपेक्षित है इस साल दिसंबर के आसपास, ‘झुरोंग’ निरीक्षण क्षेत्र शुरुआती वसंत ऋतु में प्रवेश करेगा। पर्यावरण की स्थिति में सुधार के बाद काम फिर से शुरू हो कर देगा। लेकिन रोवर का काम फिर से शुरू नहीं हुआ है, कम से कम अब तक तो नहीं।
चरम पर मंगल में सर्दी
मंगल पर सर्दी चरम पर है। ज़ुरोंग रोवर का क्षेत्र -4 एफ (-20 सी) की सर्दियों में दिन का उच्च ताप है और रात में -148 एफ (-100 सी) था। CNSA ने कहा कि बिजली बंद होने से ठीक पहले इस क्षेत्र में मार्च और अप्रैल 2022 में रोबर को धूल भरी आंधी का भी सामना करना पड़ा था। रोवर के सौर ऊर्जा पैनलों को ढंकने वाली धूल मिशन की बड़ी बाधा सामने आई है।
लाल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने की जबरदस्त होड़
दुनिया की सभी स्पेस एजेंसियों की नजर लाल ग्रह मंगल पर मानव बस्ती बसाने की है। इस होड़ में दुनिया के सभी विकसित देश जुटे हुए हैं। भारत भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। 2014 में भारत ने मार्स ऑर्बिटर मिशन भेजकर अपनी शक्ति का इजहार करा दिया था। वर्तमान में नासा मंगल की दौड़ में सबसे आगे है। वह अभी कई मिशन मंगल की धरती पर उतार चुका है और अब मिशन आर्टेमिस के जरिए पहला इंसान लाल धरती पर उतरना चाहता है। Artemis mission के पहले परीक्षण को सफल कर चुका है। नासा 2024 तक इस मिशन को फतेह करना चाहता है।
श्रोत: अर्थस्काई
फोटो: चीन समाचार सेवा/विकिमीडिया कॉमन्स।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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