चन्द्रयान-3, पांचवा दिन: रोबर ने तापमान लेना शुरू किया

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चन्द्रयान-3, पांचवा दिन: रोबर ने तापमान लेना शुरू किया

चन्द्रयान 3 के रोबर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह का ताप लेना शुरू कर दिया। रोबर अभी तक 50 फीट से अधिक चल चुका है और कदम कदम पर जमीन की ऊष्मा का जायजा ले रहा है। उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो को संदेश देने शुरू कर दिये है। इसरो के वैज्ञानिको ने आज यह सूचना सार्वजनिक की हैं। इसरो का कहना है कि निःसंदेह चन्द्रयान 3 प्रत्येक पेलोड सही काम कर रहे हैं। प्रज्ञान मे लगे दोनों पेलोड बहुत सही तारीके से कर रहे हैं। उन्हें ऐसी ही अपेक्षा थी। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें कई सार्थक नतीजे मिलेंगे।

प्रज्ञान रोबर चंद्रमा की सतह के बाहर व भीतर दोनों भागों के तापमान ले रहा है। जमीन के भीतर के 10 मीटर तक का तापमान लिया जा सकता है। इसरो ने अभी तापमान का डेटा उपलब्ध नही कराया है। तापमान का कार्य बेहद महत्पूर्ण था। जिसमें सफलता मिल गयी है। अब तलाश धातुओं की है। चंद्रमा के धरती के भीतर अनेक बहुमूल्य धातु उपलब्ध होने की संभावना जताई जाती रही है। प्रज्ञान की अगली खोज बहुमूल्य धातुओं की तलाश होगी। यदि कोई बहुमूल्य धातु मिला तो यह बड़ी खोज मानी जाएगी।

धातुओं के अलावा बर्फ अथवा तरल पानी की खोज है। यह इतनी बड़ी तलाश है कि सभी की नजर इसी पर है। यह तलाश कब तक पूरी हो पाएगी, इस बारे में अभी कुछ कह पाना संभव नही है। मगर खास बात यह है कि चंद्रमा पर तरल पानी मिल जाता है तो यह मानव के लिए बढ़ी उपलब्धि होगी।

चंद्रमा पर पानी की खोज 2009 में हो चुकी है। यह खोज चन्द्रयान 1 ने की थी और इसकी पुष्टि नासा ने नासा ने की थी। मगर वह जल तरल रूप में नही है। जिस कारण तरल जल की तलाश तेज हो गई है। माना जाता है कि चंद्रमा साउथ पोल मे तरल जल हो सकता है। शायद वह बर्फ के रूप में उपलब्ध हो। अगर बर्फ के रूप में भी हुआ तो उसे तरल बनाया जा सकता है।

श्रोत व फोटो: इसरो


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