वैज्ञानिको की सावधानी
चन्द्रयान 3 का रोबर प्रज्ञान के यु टर्न लेने की स्पष्ट तस्वीर इसरो ने जारी की है। उस गड्ढे की तस्वीर भी जारी की है, जो रोबर के सामने था। वैज्ञानिकों ने सावधानी नही बरती होती तो रोबर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता थी। इसरो ने आज तस्वीरें जारी कर बताया है कि रोबर की दिशा बदलने के बाद सही काम कर रहा है। चन्द्रयान 3 का एक उद्देश्य चंद्रमा के गड्ढों की जानकारी जुटाना भी है। चांद पर बेशुमार गड्ढे हैं। यह गड्ढे कैसे बने, इस बारे में जानकारी जुटाना चंद्रयान 3 के उद्देश्यों में शामिल है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोमवार दोपहर ट्वीट कर बताया था कि रोवर ने किनारे से तीन मीटर की दूरी पर गड्ढा सामने आ गया। गड्ढे की गहराई 4 मीटर थी। यदि गड्ढे में रोबर गिर गया होता तो सारी मेहनत बेकार चली जाती।
गड्ढे का खतरा भांपने के बाद प्रज्ञान रोवर को सुरक्षित दूसरे मार्ग पर भेज दिया गया। एक चंद्र दिवस पूरा होने में केवल 8 दिन शेष रह गए हैं। अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने बताया कि चंद्रयान-3 का रोवर मॉड्यूल प्रज्ञान, चंद्रमा की सतह पर घूम रहा है। छह पहियों वाला रोबर अज्ञात दक्षिणी ध्रुव की अधिकतम दूरी तय करेगा। भारत ने 23 अगस्त को चांद पर एक बड़ी छलांग लगाई थी। चंद्रयान -3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। भारत की यह ऐतिहासिक उपलब्धि थी।
फिलहाल वह सफलतापूर्वक अपना कार्य कर रहा है। गत दिवस चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेल्सियस की जानकारी दी है।
श्रोत व फोटो: इसरो
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
और अधिक जानें