हबल के निशाने पर बृहस्पति और यूरेनस
हबल स्पेस टेलीस्कॉप की नज़र अब बृहस्पति और यूरेनस ग्रह हैं। इन ग्रहों की निगरानी का मुख्य उद्देश्य मौसम है। सर्वविदित है कि बृहस्पति ग्रह भयानक तूफान को लेकर प्रख्यात है। लाखों वर्षों से भयानक तूफान इस ग्रह को अपनी चपेट में ले रखा है। इसके विपरित यूरेनस एक ठंडा ग्रह है। नीले रंग के यूरेनस के मौसम की खास जानकारी नही है। खगोलविदों का मानना है कि अब समय के साथ हमें अपने ग्रहों के मौसम की जानकारी होनी जरूरी हो चली है। इनके बारे में हमे जितनी जानकारी होगी, हम दूसरे सौर मंडल के ग्रहों को उतना अधिक समझ पाएंगे।
बृहस्पति का मौसम
अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार बृहस्पति का मौसम अंदर व बाहर दोनो ओर से संचालित होता है । क्योंकि सूर्य से प्राप्त होने वाली गर्मी की तुलना में अधिक गर्मी इसके आंतरिक भाग से रिसती है। यह ऊष्मा अप्रत्यक्ष रूप से रंग परिवर्तन चक्र चलाती है, वैकल्पिक चक्रवातों और एंटीसाइक्लोन्स की एक प्रणाली को उजागर करती है।
यूरेनस का मौसम
दूसरी ओर, यूरेनस में ऐसे मौसम होते हैं जो कछुआ गति से गुजरते हैं, क्योंकि इसे सूर्य के बारे में एक चक्कर पूरा करने में 84 साल लगते हैं। यूरेनस अपनी तरफ झुका हुआ है। अब यूरेनस के उत्तरी गोलार्ध में गर्मी का मौसम आ रहा हैं। जिस कारण हबल यूरेनस के उच्च-ऊंचाई वाले फोटोकैमिकल धुंध की बढ़ती ध्रुवीय टोपी पर नजर रख रहा है । इस टोपी की खास बात यही कि इसकी तुलना पृथ्वी के महानगरों के ऊपर धुंध से की जाती है, जो यूरेनस की तरह समान नजर आती है।
गुरु व यूरेनस के मौसम का ताजा हाल हम तक पहुंचेगा
हबल अंतरीक्ष दूरबीन ग्रहों के मौसम को आसानी से देख सकता है। इनकी पहचान कर सकता है। जिस कारण हबल इन दिनों बारी बारी से इन पर नजर रख रहा है और मौसम का ताजा हाल हम तक पहुंचा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब इन दिनों ग्रहों के मौसम की कई तरह की जानकारी मिल जाएगी। जिसका आंकलन पुराने आंकणों से मिलान किया जाएगा। साथ ही पृथ्वी व मंगल ग्रह के मौसम से भी तुलना की जाएगी। इस अध्ययन से हमे दूसरे बाहरी ग्रहों की पहचान करने व समझने में मदद मिलेगी।
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श्रोत : नासा।
फोटो: नासा।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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