बड़ी खोज:अब हम देख सकते हैं तारे को मरते हुए यानी सूपरनोवा विस्फोट

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अब हम देख सकते हैं तारे को मरते हुए यानी सूपरनोवा विस्फोट

ब्रह्माण्ड में होने घटनाओं में एक बड़ी घटना सूपरनोवा की है। मगर कब और कैसे यह घटना हो सकती है, इस संदर्भ में वैज्ञानिकों का दावा है कि अब हम इसका पूर्वानुमान लगा सकते हैं। लिवरपूल जॉन मूरेस यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटपेलियर के वैज्ञानिकों ने हाल ही किए गए शोध किया और बताया कि तारों में होने वाले सुपरनोवा का हम पहले ही पता लगा सकते हैं। वास्तव में निरंतर फैलते ब्रह्माण्ड में होने वाली घटनाओं के बारे में कितना जानते हैं। आधुनिक खगोल विज्ञान को अभी करीब चार सौ साल ही हुए हैं, जबकि ब्रह्माण्ड का अस्तित्व अरबों साल पुराना है। इस लंबे अंतराल में न जाने कितनी ही घटनाएं हुई होंगी। न जाने कितनी उलट फेर से ब्रह्माण्ड की वस्तुएं गुजरी होंगी। शायद हम उस दिशा में हमारी सोच भी अभी तक न पहुंच पाई हो। मगर तारों की दुनिया के बारे में हमारी जानकारी का निरंतर विकास हो रहा है। अब एक ऐसी नई जानकारी जुटाकर वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी तारे के खत्म होने के अंतिम समय का पता लगा सकते हैं। वास्तव में खगोल विज्ञान की दुनिया में यह बड़ी उपलब्धि है। यह रिसर्च पेपर वैज्ञानिकों ने 13 अक्टूबर 2022 को रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के पीयर-रिव्यू जर्नल मासिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

तारे के अंत समय में होता है बड़ा विस्फोट 

सुपरनोवा तारों में होने वाला बड़ा विस्फोट है, जो उसके जीवनकाल के अंतिम समय में होता है। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है। जिसे लेकर वैज्ञानिक कहते हैं कि यह घटना सदी में एक बार ही होती है। लिहाजा इंसान के जीवन की उम्र के हिसाब से वह दुर्लभ ही कही जाएगी। माना जाता है कि हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में हर सदी में शायद कुछेक या  एक सुपरनोवा की घटना होती है। इस घटना को हम पृथ्वी से देखते हैं, तो हमें नजर आता है कि तारा सुपरनोवा के समय आकाश में  चमक उठता है। यानी अंतिम समय ने जब उसमें विस्फोट होता है तो उसमें सामान्य से अधिक चमक नजर आती है।

 सूपरनोवा के कारण ही जीवन अस्तित्व में आया

यह जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि सुपरनोवा सितारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही जीवन के लिए अहम है। क्योंकि हमारे शरीर में कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणु को अंतरिक्ष में तब छोड़ा था जब हमारे सूर्य और पृथ्वी का जन्म भी नही हुआ था। हम यानी हमारा जीवन वास्तव में तारों के पदार्थ की ही देन हैं। जिस कारण खगोलविदो के लिए सुपरनोवा की अधिक से जानकारी जुटान  जरूरी हो जाता है।

तारे का धुंधला होना उसके सूपरनोवा होने का संकेत

 दो दिन पहले शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने कहा कि एक बड़े तारे का धुंधला होना , एक संकेत हो सकता है कि सुपरनोवा होने वाला है। वैज्ञानिक अपने तथ्य को इस प्रकार से रखते हैं कि जब आठ से 20 सौर द्रव्यमान वाले बड़े तारे अपने जीवन के अंत के करीब पहुंच जाते हैं, तो वे लाल सुपरजाइंट चरण में प्रवेश करते हैं। एक लाल सुपरजायंट एक लाल विशालकाय तारे की तरह होता है जो केवल बड़ा होता है। इसका उदाहरण स्कॉर्पियस में एंटारेस और ओरियन में बेटेलज्यूज लाल सुपरजायंट तारे हैं।

सूपरनोवा से पहले फीकी पड़ जाती है तारे की चमक

शोध से सामने आया कि लाल सुपरजायंट सितारे के  अंतिम कुछ महीनों में उनकी चमक नाटकीय रूप से फीकी पड़ जाएगी और उसकी रोशनी यानी प्रकाश में लगभग 100 गुना कम हो जाएगा। इसके  धुंधला होने की वजह यह है कि तारे अचानक अपने चारों ओर पदार्थ जमा कर लेते हैं, जिससे रोशनी बाहर नहीं आ पाती है। शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह धूल भरा कोकून,  एक साल से भी कम समय में काफी तेजी से जमा होता है। शोधकर्ताओं ने इसे सिद्ध करने के लिए पहली बार सिमुलेशन बनाया और बताया कि आख़िर धूल के इन आवरणों के अंदर लाल सुपरजाइंट्स कैसा दिखेगा। वैज्ञानिकों ने सुपरनोवा हुए तारों की पुरानी तस्वीरों के जरिए भी शोध की पुष्टि की है।

 लिवरपूल जॉन मूरेस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बेंजामिन डेविस के अनुसार

घने पदार्थ तारे को लगभग पूरी तरह से अस्पष्ट कर देते हैं, जिससे यह स्पेक्ट्रम के दृश्य भाग में 100 गुना कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि जिस दिन तारे का विस्फोट होता है, आप शायद यह नहीं देख पाएंगे कि वह वहां था। अब तक हम सुपरनोवा के होने के कुछ घंटों बाद ही विस्तृत अवलोकन प्राप्त कर पाए हैं। इस पूर्व-चेतावनी प्रणाली के साथ हम उन्हें वास्तविक समय में देख सकते हैं और हम दूरबीन के जरिए  अपनी आंखों से फटते हुए देख सकते हैं।

https://space23lyear.com/

 Source: Explosion imminent: the appearance of red supergiants at the point of core-collapse

Via Royal Astronomical Society and EarthSky

फोटो: एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी/ईएसओ/एल. कालकाडा/ सीसी बाय 4.0 ।


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