मंगल ग्रह के आवास में जून में प्रवेश करेंगे अंतरिक्ष यात्री

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मंगल ग्रह के आवास में जून में प्रवेश करेंगे अंतरिक्ष यात्री

मशहूर धारावाहिक बिग बॉस भले ही आपने देखा नही होगा, लेकिन सुना अवश्य होगा। इस हिंदी सीरियल में बिग बॉस का एक घर होता है, जिसमें कई मेहमान आकार ठहरते हैं और बिना अनुमति के बाहर नहीं निकल सकते। अब कुछ ऐसा ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा करने जा रहा है। नासा एक ऐसा घर बनाने जा रहा है, जो लाल ग्रह मंगल का होगा। इसमें चार लोगों को ठहराया जाएगा और उन्हे लंबे समय तक उसी में ठहरना होगा। नासा ने इसकी सूचना पहले भी जारी कर चुका है और मंगल के इस प्रशिक्षण आवास के बारे में पुनः बताया है।

3 डी प्रिटिंग के जरिए बनाया जा रहा धरती पर मंगल

यह आवास मंगल ग्रह के वातावरण के अनुरूप 3 डी प्रिटिंग के आधार पर हूबहू मंगल की परिस्थितियों जैसा होगा। इसमें मंगल पर जाने वाले चार यात्री रहेंगे और मंगल की परिस्थितियों का किस तरह से सामना करेंगे। इस दिशा में खुद को तैयार करेंगे। यह प्रशिक्षण जितना रोमांचक होगा, उतना ही चुनौती भरा भी होगा। हालाकि दुनिया की नजरे नासा के मानव मंगल मिशन पर टिकी हुई हैं। नासा चांद के बाद मंगल ग्रह पर जाने मानव मिशन की तैयारियां कर रहा है। इस मानव मिशन का नाम आर्टेमिस रखा गया है। जिसे कई चरणों में बांटा गया है। संभवतः इस मानव मिशन को पूरा होने करीब पांच साल लग जाएंगे।

मंगल के घर ने जून में प्रवेश करेंगे मंगल यात्री

मंगल की धरती जैसा इस घर में चार स्वयंसेवक जून में प्रवेश करेंगे। यह आवास ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में बनाया गया है। ये आवास पूरी दुनिया से जुदा होगा। प्रशिक्षक एक साल तक इस घर में रहेंगे और स्वयंसेवक तकनीक का परीक्षण करेंगे। मंगल-सतह सिमुलेशन नासा के क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA) नाम के कार्यक्रम का हिस्सा है। यह लाल ग्रह पर जाने के लिए मानव की तैयारियों का परीक्षण करने का एक प्रयोग है। वर्तमान में, आर्टेमिस मिशन मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस लाने पर काम कर रहा है। 35 सेकंड का 1 सेकंड और नासा उस तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहा है ताकि अंततः मनुष्य को मंगल ग्रह पर एक कदम आगे भेजा जा सके। आर्टेमिस मिशन के लिए नासा का घोषित लक्ष्य है।

अनेक तरह के प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे

यात्रियों को मंगल ग्रह की स्थितियों का अनुकरण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जैसे आवास रखरखाव, रोबोट संचालन और ‘मार्सवॉक’। कुछ ‘मार्सवॉक’ – या मंगल पर स्पेसवॉक – इत्यादि। भूविज्ञान, भवन और अन्वेषण भी कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, चालक दल को यथार्थवादी तनावपूर्ण स्थितियों का भी सामना करना पड़ेगा, जिसमें संसाधन की कमी और उपकरण की विफलता शामिल है। उदाहरण के लिए, उन्हें सीमित मात्रा में पानी का प्रबंधन करना होगा क्योंकि वे अपनी खुद की सब्जियां उगाते हैं और व्यक्तिगत स्वच्छता से निपटते हैं।

श्रोत: नासा।

फोटो: नासा।


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