आश्चर्यजनक खोज , रिंग में लिपटा मिला बौना ग्रह
वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के दूर छोर में एक छल्ले में लिपटे बौने ग्रह की खोज की है। इस बौने ग्रह की शनि ग्रह की तरह रिंग यानी छल्ला होने के कारण इसकी हमारे सोलर सिस्टम में खास जगह बन गई है। इसकी सुंदरता में निखार नजर आ रहा है। इसका नाम क्वाओर है। ग्राउंड-आधारित टेलीस्कोप और ईएसए के अंतरिक्ष-आधारित चेप्स टेलीस्कोप से इसकी रिंग की खोज हुई है। पहली बार 2018 में इसे देखा गया था। तब इसके रिंग की एक झलक मात्र देखी गई थी। इसकी रिंग जितनी दूर पर है, वह आश्चर्यजनक है। जिस कारण आने वाले दिनों में इस ग्रह पर वैज्ञानिकों की नजर रहेंगी और कई नई जानकारियां जुटाई जा सकेंगी।
दो दिन पहले जर्नल नेचर ने प्रकाशित हुई खोज
हमारे क्षुद्रग्रह बेल्ट में प्लूटो के साथ सेरेस दूसरा बौना ग्रह है। कभी प्लूटो ग्रहों की श्रेणी में आता था, जिसे बाद में ग्रह की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। दो दिन पहले 8 फरवरी, 2023 को यूरोपियन स्पेस एजेंसी ( ईएसए) ने इस आश्चर्यजनक खोज की घोषणा की और दावा किया कि क्वाओर एक रिंग में लिपटा हुआ है, जो इस बौने ग्रह से काफी दूर है। सिद्धांत के अनुसार रिंग की दूरी पर, इसे दूसरे चंद्रमा बनना चाहिए था। मगर वह रिंग इस ग्रह का चन्द्रमा ऐसा क्यों नहीं बन पाया। यह आश्चर्यजनक सवाल है। जर्नल नेचर में यह खोज प्रकाशित हुई है।
1110 किमी व्यास का है यह
क्वाओर लगभग 1,110 किमी व्यास का है। इसका चंद्रमा वीवोट लगभग 170 किमी व्यास का है, जी क्वाओर से 14,500 किमी दूर स्थित है। 14,100 किमी की दूरी पर नई खोजी गई रिंग परिक्रमा करती है। यह बौने ग्रह की सीमा के बाहर काफी दूर है। गुरुत्वाकर्षण बल उस सामग्री को चंद्रमा में जमा होने से रोकता है।
निरंतर तीन साल देखते रहे रिंग को
खगोलविदों ने 2018 और 2021 के बीच क्वाओर का अवलोकन किया। जैसे ही क्वाओर दूर के सितारों के सामने से गुजरा तो बैकग्राउंड तारे के प्रकाश को पलक झपकते देखा। जिस कारण प्रकाश की चमक में थोड़ी गिरावट आई थी, जो उस तारे के प्रकाश को अवरुद्ध करने वाली सामग्री रिंग होने का संकेत देता था।
दिलचस्प बात यह है कि खगोलविद अचानक इसकी खोज कर पाए।
अभी भी कई सवाल खड़े है रिंग के दूर होने को लेकर
ग्रह से बहुत दूर मिली रिंग को लेकर वैज्ञानिक हैरान हैं कि आखिर वह इतने दूर कैसे हो सकती है। इस बारे में सघन अध्ययन बेहद जरूरी है। इससे कई और जानकारी मिल सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि निकट भविष्य में इस बौने ग्रह पर दुनियाभर के कई वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे। वैज्ञानिक मानते हैं कि आने वाले दिनों के इस ग्रह पर नवीन जानकारियां और भी अधिक बेहद दिलचस्प होंगी।
स्रोत: ट्रांस-नेप्च्यूनियन ऑब्जेक्ट।
फोटो: ईएसए ।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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