आसमा को हरे रंग में रंगने लगा है ये धूमकेतु 

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आसमा को हरे रंग में रंगने लगा है ये धूमकेतु 

धूमकेतु सी/2022 E3( ZTF) ने आसमान में हरा रंग बिखेरना शुरू कर दिया है। यह खास धूमकेतु पेरिहेलियन के करीब पहुंचने जा रहा है। 12 जनवरी को सूर्य के करीब पहुंचने जा रहा है। इसके बाद 20 दिन के सफर के बाद हमारे सार्वाधिक करीब पहुंचेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह धूमकेतु इस वर्ष का सबसे अधिक चमकीला धूमकेतु हो सकता है। इसे नग्न आंखों से भी देखा जा सकेगा। जिसके लिए अभी कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। इस धूमकेतु की चमक बढ़नी शुरु हो चुकी है तो धूमकेतुओं पर रिसर्च करने वाले दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजर इस धूमकेतु पर बनी हुई है, कहीं एमेच्योर एस्ट्रोनोमर व एस्ट्रोफोटोग्राफी ने दूरबीन व कैमरों के जरिए इसका पीछा करना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि इस धूमकेतु की हरे रंग में सजी एक से बढ़कर एक तस्वीर हमें देखने को मिलेंगी।

सूर्य से 1.11 खगोलीय इकाई (AU) दूर होगा, जब सूर्य के करीब पहुंचेगा

धूमकेतु C/2022 E3 (ZTF) 12 जनवरी, 2023 को सूर्य के अपने निकट पहुंच जाएगा। तब इसकी सूर्य से इसकी दूरी 1.11 खगोलीय इकाई (AU) रह जाएगी। इसके बाद वह पृथ्वी की तरफ सफर शुरू कर देगा और 2 फरवरी, 2023 को हमारे सार्वाधिक करीब पहुंच जाएगा। तब इसकी दूरी पृथ्वी से 0.29 AU यानी 44 मिलियन किमी रह जाएगी। अथार्थ अगला एक माह यह धूमकेतु धरतीवासियों के आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है।

इस माह के आंखिर में नग्न आंखों से देखा जा सकेगा

अभी यह धूमकेतु तारामंडल कोरोना बोरेलिस, उत्तरी क्राउन की दिशा में मौजूद है। इसे उत्तरी गोलार्ध में बखूबी देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस धूमकेतु की चमक 7.4 है। इसलिए इसे देखने के लिए आपको अभी ऑप्टिकल सहायता की आवश्यकता होगी। अच्छी बात यह है कि जैसे जैसे यह सूर्य के नजदीक पहुंच रहा है तो इसकी चमक भी बड़ती जा रही है और इस महीने के अंत तक धूप अंधेरी रातों को बिना दूरबीन की सहायता से देखा जा सकेगा। तब इसकी चमक 5 या 6 परिमाण पहुंच जाएगी। यानी इसकी चमक में निखार आ जाएगा।

10 फरवरी को होगा मंगल के करीब

अगर इस धूमकेतु का पता लगाने का आपका पहला प्रयास है, तो 10 फरवरी, 2023 तक इंतजार करना होगा। उस दिन यह धूमकेतु मंगल के बेहद करीब होगा। फोटोग्राफर इस धूमकेतु को आकाश में इसके अनुमानित स्थान की ओर 20 से 30 सेकंड के लंबे-एक्सपोज़र ले सकते हैं। यह चमकती पूंछ के साथ नजर आयेगा। सूर्यास्त के ठीक बाद पश्चिम की ओर मूंह करके देखे। लालिमा लिए चमकीले मंगल नजर आयेगा। ओरियन के दाईं ओर नारंगी-लाल रोशनी के रूप में दिखाई देगा। धूमकेतु ई3 उस रात मंगल के ठीक ऊपर होगा।

पिछले साल दो मार्च को हुई थी इस धूमकेतु की खोज

खगोलविदों ने दक्षिणी कैलिफोर्निया में माउंट पालोमर की ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी (ZTF) से 48-इंच (1.2-मीटर) सैमुअल ओस्चिन रोबोटिक टेलीस्कोप से इस धूमकेतु की खोज की गई। 2 मार्च 2022 को पहली बार देखा था। तभी से इस धूमकेतु आकर्षण केंद्र बना हुआ है

सौरमंडल का अभिन्न अंग हैं धूमकेतु

धूमकेतु हमारे सौरमंडल का अभिन्न अंग हैं, जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे पिंड होते हैं। धूमकेतु भी ग्रहों के समान सूर्य की परिक्रमा करते हैं। छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में करते हैं, जो छः से दो सौ वर्ष में एक चक्कर पूरा करते हैं। कुछ धूमकेतु का पथ वलयाकार होता है । जिस कारण वह एक बार ही दिखाई देते है। लम्बे पथ वाले धूमकेतु एक परिक्रमा करने में हजारों वर्ष लगाते है। अधिकांश धूमकेतु बर्फ, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया के अलावा अन्य सिलिकेट और कार्बनिक मिश्रण के बने होते हैं।

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श्रोत व फोटो : अर्थस्काई

 


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