आर्टेमिस 1 अब शनिवार को लॉन्च होगा

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 आर्टेमिस 1 मून मिशन अब शनि को लॉन्च होगा
चन्द्रमा पर मानव उड़ान की तैयारी की तैयारी को लेकर नासा का मून मिशन आर्टेमिस 1 मून रॉकेट लॉन्च करने का समय आगे बढ़ता जा रहा है। अब शनिवार को इसके लॉन्च की कोशिश में मिशन से जुड़े इंजीनियर व विज्ञानी जूटे हुए हैं। रॉकेट के इंजन में खामी के कारण मिशन को तीन दिन आगे बढ़ाना पड़ा है। 
2.80 लाख किमी का सफर तय करना है आर्टेमिस 1 को
ये लंबा सफर है 180 किमी का। बियाबान अंतरिक्ष में न कोई सहारा न कोई ठिकाना होगा। इसलिए हर तैयारी मुकम्मल होना बेहद जरूरी है। भले ही यह परीक्षण की उड़ान हो, लेकिन इस महत्वाकांक्षी मिशन की आगे की राह तय करेगी। नासा के अनुसार किसी भी तरह की खामी की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए हर तैयारी ठोक बजाकर की जा रही है। यह उड़ान कुल छह सप्ताह की होगी। जिसमें तीन डमी साथ होंगी। बहरहाल मौसम का अनुकूल होना भी बहुत जरूरी है,  जो लॉन्चिंग में  अड़चन पैदा कर सकता है। शनिवार का प्रक्षेपण फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में स्थानीय समयानुसार 14:17 (18:17 GMT; 19:17 BST) लॉन्च किया जाएगा। उस दिन का मौसम का मिजाज 50-50 रहने का पूर्वानुमान है। एसएलएस को बारिश तो नहीं उड़ाया सकेगा। 
मंगल में घर बसाने की तैयारी मून से
चन्द्रमा व मंगल दो ऐसे ग्रह हैं, जहा मानव का धरती के बाद दूसरा बसेरा हो सकता है। इस संभावना के साथ दुनिया के खगोलविद पिछले 50 सालों से निरंतर प्रयासरत हैं और इस दिशा में दर्जनों मिशन अभी तक चलाए गए हैं। जिनमें काफी हद सफलताएं मिली हैं। सफलताओं ने वाज्ञानिकों के हौंसले बुलंद किए हैं, अब नासा से इस दिशा में ऊंची छलांग लगाने जा रहा है। यह खगोल विज्ञान की उन्नति की नई उड़ान होगी। 
  परीक्षण उड़ान 29 अगस्त को भी टल गई थी। 
चंद्रमा को लेकर नासा के नए मिशन का नाम आर्टेमिस 3 है। नासा ने दो साल के आर्टेमिस कार्यक्रम की पहली परीक्षण उड़ान के लिए 29 अगस्त का दिन निर्धारित किया था और दुनिया के तमाम स्पेस एजेंसियों की नज़र इस मिशन पर टिकी हुई है। मगर मिशन को टालना पड़ा।
  2025 में होगी चन्द्रमा पर मानव लैंडिंग
परीक्षण उड़ान महत्वपूर्ण उड़ान है, जो  नासा के निर्धारित दो साल के लक्ष्य को मंजिल तक पहुंचाएगा। जिसके तहत 2025 में आर्मेटिस lll मिशन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ चंद्र-परिक्रमा उड़ान व  मानव चालक दल  द्वारा चंद्र लैंडिंग करेगा। यह वास्तव में बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। 
चन्द्रमा का दक्षिणी ध्रुव है माकूल जगह
चन्द्र लैंडिंग के लिए यूं तो पूरा चंद्रमा खाली पड़ा है, लेकिन उसी स्थान पर यान को उतारा जाएगा, जहा किसी तरह का कोई खतरा ना हो। भूमि समतल हो। वातावरण कुछ तो अनुकूल हो और तकनीकी की दृष्टि से कोई खामी चंद्रभूमि में न हो। इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल संभावना जताई जा रही है कि पहली  लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास होगी। 
होगा चंद्रमा पर मानव का दूसरा घर ?
इसमें जरा भी संदेह नही कि पृथ्वी पर तेजी से बड़ती आबादी और मौजूद  सीमित संसाधनों ने मानव को दूसरे जहान की तलाश के लिए मजबूर कर दिया है और इस तलाश में सबसे पहली नजर चांद पर जाती है, जो हमारे सबसे करीब है। चांद तक पहुंचना हमारे लिए सबसे आसान है। जिस कारण पिछले कई दशकों से चांद की धरती पर निरंतर शोध जारी हैं। दुनिया की तमाम अंतरिक्ष स्पेस एजेंसियों के विज्ञानी इस दिशा अनुसंधान कर रहे हैं। जिनमें भारत भी पीछे नहीं। 
आसान नहीं चांद पर घर बसाना
चांद पर रहने की बात करें तो वर्तमान परिस्थितियों पर बेमानी होगी। क्योंकि धरती से देखने पर  ही सुंदर नजर आता  है, लेकिन वहा रहने की कल्पना नही की जा सकती। धरती पर मानव जीवन के लिए प्रत्येक वस्तु अनुकूल है और चांद बिलकुल इसके विपरित स्थल है।  कारण एक नही सैकड़ों होंगे। जिन पर चर्चा फिर कभी करेंगे।
श्रोत: NASA site
Photo by Babalu  Chandra
चन्द्रमा पर मानव उड़ान की तैयारी की तैयारी को लेकर नासा का मून मिशन आर्टेमिस 1 मून रॉकेट लॉन्च करने का समय आगे बढ़ता जा रहा है। अब शनिवार को इसके लॉन्च की कोशिश में मिशन से जुड़े इंजीनियर व विज्ञानी जूटे हुए हैं। रॉकेट के इंजन में खामी के कारण मिशन को तीन दिन आगे बढ़ाना पड़ा है। 
2.80 लाख किमी का सफर तय करना है आर्टेमिस 1 को
ये लंबा सफर है 180 किमी का। बियाबान अंतरिक्ष में न कोई सहारा न कोई ठिकाना होगा। इसलिए हर तैयारी मुकम्मल होना बेहद जरूरी है। भले ही यह परीक्षण की उड़ान हो, लेकिन इस महत्वाकांक्षी मिशन की आगे की राह तय करेगी। नासा के अनुसार किसी भी तरह की खामी की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए हर तैयारी ठोक बजाकर की जा रही है। यह उड़ान कुल छह सप्ताह की होगी। जिसमें तीन डमी साथ होंगी। बहरहाल मौसम का अनुकूल होना भी बहुत जरूरी है,  जो लॉन्चिंग में  अड़चन पैदा कर सकता है। शनिवार का प्रक्षेपण फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में स्थानीय समयानुसार 14:17 (18:17 GMT; 19:17 BST) लॉन्च किया जाएगा। उस दिन का मौसम का मिजाज 50-50 रहने का पूर्वानुमान है। एसएलएस को बारिश तो नहीं उड़ाया सकेगा। 
मंगल में घर बसाने की तैयारी मून से
चन्द्रमा व मंगल दो ऐसे ग्रह हैं, जहा मानव का धरती के बाद दूसरा बसेरा हो सकता है। इस संभावना के साथ दुनिया के खगोलविद पिछले 50 सालों से निरंतर प्रयासरत हैं और इस दिशा में दर्जनों मिशन अभी तक चलाए गए हैं। जिनमें काफी हद सफलताएं मिली हैं। सफलताओं ने वाज्ञानिकों के हौंसले बुलंद किए हैं, अब नासा से इस दिशा में ऊंची छलांग लगाने जा रहा है। यह खगोल विज्ञान की उन्नति की नई उड़ान होगी। 
  परीक्षण उड़ान 29 अगस्त को भी टल गई थी। 
चंद्रमा को लेकर नासा के नए मिशन का नाम आर्टेमिस 3 है। नासा ने दो साल के आर्टेमिस कार्यक्रम की पहली परीक्षण उड़ान के लिए 29 अगस्त का दिन निर्धारित किया था और दुनिया के तमाम स्पेस एजेंसियों की नज़र इस मिशन पर टिकी हुई है। मगर मिशन को टालना पड़ा।
  2025 में होगी चन्द्रमा पर मानव लैंडिंग
परीक्षण उड़ान महत्वपूर्ण उड़ान है, जो  नासा के निर्धारित दो साल के लक्ष्य को मंजिल तक पहुंचाएगा। जिसके तहत 2025 में आर्मेटिस lll मिशन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ चंद्र-परिक्रमा उड़ान व  मानव चालक दल  द्वारा चंद्र लैंडिंग करेगा। यह वास्तव में बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। 
चन्द्रमा का दक्षिणी ध्रुव है माकूल जगह
चन्द्र लैंडिंग के लिए यूं तो पूरा चंद्रमा खाली पड़ा है, लेकिन उसी स्थान पर यान को उतारा जाएगा, जहा किसी तरह का कोई खतरा ना हो। भूमि समतल हो। वातावरण कुछ तो अनुकूल हो और तकनीकी की दृष्टि से कोई खामी चंद्रभूमि में न हो। इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल संभावना जताई जा रही है कि पहली  लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास होगी। 
होगा चंद्रमा पर मानव का दूसरा घर ?
इसमें जरा भी संदेह नही कि पृथ्वी पर तेजी से बड़ती आबादी और मौजूद  सीमित संसाधनों ने मानव को दूसरे जहान की तलाश के लिए मजबूर कर दिया है और इस तलाश में दुनिया के सभी स्पेस एजेंसियां प्रयास कर रही है। एरीज नैनीताल के विज्ञानी डा एस बी पांडे कहते हैं कि अभी से किए जा रहे प्रयास मानव भविष्य को संवार पाएंगे।
श्रोत: NASA site

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