सफलता की एक और सीढ़ी तय की नासा के अंतरिक्ष यान जूनो ने

Share It!

सफलता की एक और सीढ़ी पार कर जूनो ने खोले यूरोपा के राज
 
https://space23lyear.com/
बृहस्पति के चांद यूरोपा की धरती पर  मानव के पैर जमाने की तलाश में जुटा अंतरिक्ष यान जूनो ने सफलता की एक और सीढ़ी पार कर ली।   जूनो ने यूरोपा की धरती की कई तस्वीरें  कैमरे में कैद की । जिसमें बेहद करीब की तस्वीरों (क्लोजप) को कैमरे में उतारा और उन्हे धरती पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा तक पहुंचाया।  तस्वीरों से यूरोपा के अनेक रहस्य सामने आयेंगे। मगर इतना तय है कि मानव की दूसरी धरती की तलाश में मिल रही सफलता से तय है कि वह दिन दूर नही, जब सुदूर अंतरिक्ष में मानव का दूसरा आशियाना कही तो होगा। नई जमीन पर भले ही हम नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन आने वाली पीढ़ियां जरूर अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखेंगे। बहरहाल नासा का बृहस्पति के चांद यूरोपा पर अगला मिशन क्लिपर के लिए जूनो ने विज्ञानिको के हौसले तो बुलंद किए हैं। अब  क्लिपर मिशन 2024 में यूरोपा की उड़ान भरेगा, जो यूरोपा के वायुमंडल, सतह और उसके भीतर छिपे रहस्यों को खोजेगा। इससे पता चलेगा कि बर्फीले  चांद की सतह पर जीवन की संभावना कितनी है या फिर नहीं हैं। 
जूनो ने 23.6 किमी प्रति सेकंड से की यात्रा 
 यूरोपा की धरती की खाक छानने में दो घंटे का समय जूनो के पास था और इस दरमियान जूनो ने बखूबी अपना मिशन पूरा किया। यूरोपा के पास की कई तस्वीरें खींची। तस्वीर पहुंचते ही नासा ने लोगों तक पहुंचा दिए। सैन एंटोनियो में साउथ वेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट जूनो के प्रमुख अन्वेषक स्कॉट बोल्टन ने कहा कि यह सफल उड़ान रही। जूनो अनेक जरूरी उपकरणों से लैस था। यूरोपा की बर्फीली परत को जानने के लिए योजना बनाई थी। यह विज्ञान की अभूतपूर्व झलक है।
जूनो ने बहुमूल्य तस्वीरों को एकत्र किया है
फ्लाईबाई के दौरान मिशन ने चंद्रमा की उच्चतम-रिज़ॉल्यूशन से (0.6 मील, या 1 किलोमीटर, प्रति पिक्सेल) से ली गई तस्वीर एकत्र की हैं। जिनमें यूरोपा की बर्फ से ढकी ऊपरी संरचना, आंतरिक हिस्सा , सतह की संरचना और आयनमंडल का  महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त किया है। ये ऐसी तस्वीरें हैं, जो यूरोपा के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकेंगे। हालाकि बारीकी से अध्ययन करने के बाद महत्वपूर्ण तथ्य सामने आयेंगे। 
पहली और अब की तस्वीरों की तुलना करेंगे  वैज्ञानिक 
जूनो के सह-अन्वेषक कैंडी हेन्सन के मुताबिक  अब हमारी टीम जूनो द्वारा पिछले मिशनों की छवियों के साथ अभी की ली हुई  छवियों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे। यूरोपा के पिछले दो दशकों का आंकड़ा वैज्ञानिकों के पास है। इस लंबे अंतराल के दौरान कितना अंतर यूरोपा में आया है, इसका पता चल जाएगा। बृहस्पति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी अब वैज्ञानिकों के पास होगी। जूनो के माइक्रोवेव रेडियोमीटर (एमडब्ल्यूआर) उपकरण के क्लोज-अप दृश्य और डेटा इस इस चांद पर नया प्रकाश डालेंगे। बर्फ से ढकी यूरोपा की धरती की अंदर की परत कैसी होगी। यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। बर्फ की परत के भीतर पानी तरल अवस्था में है या नहीं, यह जानना बेहद जरूरी है। जिसका पता संभवतः अब चल जाएगा। जूनो मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को यह मिशन जूनो के आगे की खोज के लिए नई दिशा देगा। 
अगला मिशन क्लिपर खोलेगा यूरोपा के बर्फ की परतों का राज
यूरोपा के करीब तक पहुंचने के लिए जूनो से पहले मिशन वायेजर 2 और गैलीलियो रहे हैं और नासा अगला  क्लिपर मिशन अगले दो साल में लॉन्च कर दिया जाएगा, जो  2030 में यूरोपा में पहुंचेगा। क्लिपर मिशन यूरोपा के वातावरण को समझेगा। साथ ही उसकी सतह के साथ आंतरिक भाग का अध्ययन करने में सक्षम होगा। इसका लक्ष्य यूरोपा में महासागर मौजूदगी का पता लगाना होगा। इसके अलावा बर्फ की परत  की मोटाई को जानना होगा। 
https://space23lyear.com/nasas-covid-19-nasa-spacecraft-zoono-will-be-next-to-the-jupiter-of-jupiter-tomorrow/
श्रोत व फोटो –
https://www.nasa.gov/juno
https://www.missionjuno.swri.edu

Share It!