नासा का एक और ऐतिहासिक कदम आर्टेमिस 1

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नासा का आर्टेमिस 1 की सफलता ने रचा इतिहास 
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का आगामी मून मिशन आर्टेमिस 1 बुधवार को सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया। फ़्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। नासा के इस मिशन को लॉन्च किए जाने की तैयारी पिछले करीब तीन महीनों से चल रही थी। चार बार लॉन्च की तारीख आगे बड़ानी पड़ी। आंखिरकार आज सफलता मिल गई। आर्टेमिस परियोजना को तीन चरणों में बाटा गया है। जिसमें आर्टेमिस 1 इस मिशन का पहला हिस्सा था। इसके बाद आर्टेमिस 2 व 3 को लॉन्च किया जाएगा। आंखरी लॉन्चिंग चांद पर मानव को पहुंचाना है। जिसके चलते यह चंद्रमा पर पहला मानव मिशन होगा। जिस कारण नासा के इस मिशन को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है और दुनिया की नज़र इस मिशन पर टिकी हुई है, जो इंसान को मंगल पर ले जाएगा।
 25 दिन की अंतरिक्ष यात्रा कर पृथ्वी पर  लौट आएगा आर्टेमिस 1
 मिशन के तहत आर्टेमिस 1 चंद्रमा की परिक्रमा वापस पृथ्वी पर लौट आएगा। इस यात्रा में आर्टेमिस 1 को 25 दिन का सफर करेगा। यह एक प्रशिक्षण योजना है। इस योजना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि उसकी यह सफलता  आर्टेमिस की अगली दोनों योजनाओं को सफल बनाएगी।
UTC 6.47 बजे हुई लॉचिंग
 आर्टेमिस 1 को फ़्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से 1:47 पूर्वाह्न EST (6:47 UTC) पर छोड़ा गया। योजना के शक्तिशाली एसएलएस रॉकेट ओरियन अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले गया। उसके बाद कई चरणों में इसकी रफ्तार बड़ाई गई। यह सब वैसे ही हुआ, जैसा कि योजना बनाई गई थी। जिस कारण इस लॉन्चिंग को ऐतिहासिक माना जा रहा है।
अति महत्वाकांक्षी मिशन है आर्टेमिस
बहुप्रतीक्षित लॉन्चिंग हुई सफल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मून मिशन अति महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके लिए आर्टेमिस 1 के लॉन्च किए जाने के लिए नासा तैयारी में जुटा है। हालाकि कई प्रयास के बाद भी आर्टेमिस को लॉन्च नही किया जा सका है। पिछले दो बार आर्टेमिस को उड़ान भरने से ठीक पहले स्थगित करना पड़ा है। अब अगली लॉन्चिंग नवंबर में किए जाने की योजना बनाई है। सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से शुरू हुआ तो आर्टेमिस का पहला अभियान सफल रहेगा। फिलहाल इन दिनों मून के समान रहन सहन को लेकर जो प्रशिक्षण चलाया गया है, वह बेहद दिलचस्प है। नासा और उसके सहयोगी, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) भविष्य के दबाव वाले रोवर्स के लिए  डिजाइन बनाया है और इसकी पुष्टि करने के लिए यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसमें  दबाव वाले रोवर के डिजाइन, केबिन कॉन्फ़िगरेशन, ड्राइविंग मोड, समयरेखा बाधाओं और मिशन संचालन के बारे में डेटा एकत्र किया जाएगा।
मकसद चांद के जरिए मंगल तक पहुंचना 
नासा के वैज्ञानिक आर्टेमिस मिशन के तीसरे चरण के मानव को मून पर उतरेगा,  जो दीर्घकालिक, स्थायी चंद्र उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त करेगा। भविष्य के अंतरिक्ष यात्री मिशनों के लिए मंगल ग्रह पर एक कदम आगे बड़ाना होगा। जिसे लेकर बेहद गंभीरता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। हर काम की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है। खास बात यह है कि नासा की प्रत्येक तैयारी आमजन तक पहुंच सके, इसके लिए समय समय पर मीडिया को आमंत्रित किया जा रहा है।
आगे और भी हैं हद से बड़ी चुनौतियां
  सौर मंडल में स्पेस यात्रा तमाम चुनौतियों से भरा पड़ा है। वहा धरती जैसी यात्रा की कोई गुंजाइश नहीं हैं। जिस कारण एस्ट्रोनॉट्स को विशेष परीक्षण दिया जाता है, जो कई दिनों अथवा महीनों तक चलाया जाता है। मगर दूसरे ग्रह पर दिन बिताना आसान नहीं है। वहा की परिस्थितियां यहां से बिलकुल भिन्न है। वहा का हर कदम चुनौतियों से भरा होगा और हमे हर चुनौती को स्वीकार करते हुए तैयारी करनी होगी ।
श्रेय: NASA
फोटो: NASA

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