जेम्स वेब स्पेस टेलेस्कोप की एक और बेहतरीन तस्वीर
ब्रह्मांड में आये दिन कुछ न कुछ नया नजर आ ही जाता है। अब जो नजर आया है, वह हमारे सूर्य के अरबों साल बाद अंत का दर्पण है। यह एक मृत तारा है। इसका नाम नेबुला मेसियर 57 है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने इसे देखा और आकर्षक तस्वीर हम तक पहुचाई है। यह नेबुला आश्चर्यजनक सौंदर्य का प्रतीक है। पृथ्वी से इसे आसानी से देखा जा सकता है। मेसियर 57 (एम 57) हमसे लगभग 2,200 प्रकाश वर्ष दूर है। यह लायरा तारामंडल में स्थित है। जिसे रिंग नेबुला भी कहा जाता है। इसका रूप रंग बेहद आकर्षक है। आने वाले दिनों मे यह अंतरिक्ष प्रेमियों के आकर्षण के केंद्र में रहेगा। यह नेबुला कुछ झुका हुआ है । जिस कारण पृथ्वी से इसे आसानी से देखा जा सकता है। खगिलविदों को इस नेबुला पर अध्ययन करना बेहद आसान होगा। यह नेबुला आगे के अध्ययन के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिससे तारों के मृत्यु की जानकारी जुटाई जाएगी। खास बात यह है कि इसकी चमकती गैस और धूल को छोटी दूरबीन से भी आसानी से देखा जा सकता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के रिंग नेबुला इमेजिंग प्रोजेक्ट के सह-प्रमुख वैज्ञानिक माइक बार्लो कहते हैं कि जेम्स वेब ने इसकी साफ तस्वीर प्रदान कर मृत तारों के आगे के अध्ययन के द्वार खोल दिए हैं। हमारा सूर्य भी अपना जीवन समाप्त करने के बाद ड्वार्फ स्टार बन जाएगा और वह भी ऐसा ही नजर आएगा।
ऐसा होगा हमारे सूर्य का भविष्य
जब सूर्य के समान आकार के तारे परमाणु संलयन के लिए अपने ईंधन को समाप्त कर देते हैं, तो वे अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण के आंतरिक बल के खिलाफ खुद को सहारा नहीं दे पाते हैं, जिससे तारे को अरबों वर्षों तक स्थिर रखने वाला संतुलन बना नही रह पाता है। इस परक्रिया मे उसका कोर ढह जाता है और तारे की बाहरी परतें, जहां परमाणु संलयन अभी भी जारी रहता है, बाहर की ओर विस्फोटित होती हैं। इस कारण शुरू में तारा एक लाल दानव की तरह फूल जाता है। हमारे सूर्य में भी इसी तरह की परक्रिया लगभग 5 अरब वर्षों तक चलेगी। वह चारों ओर फैल जाएगा और सौर मंडल के पृथ्वी सहित आंतरिक ग्रहों को निगल जाएगा।
श्रोत: स्पेस.कॉम
फोटो: JWST
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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