चन्द्रयान 3 को मिली एक और कामयाबी चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से संपर्क जुड़ा

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चन्द्रयान 3 को मिली एक और कामयाबी चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से संपर्क जुड़ा

चंद्रयान 3 विक्रम लैंडर ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के साथ संचार स्थापित कर लिया है। चन्द्रयान 2 का ऑर्बिटर 2019 में चंद्रमा की कक्षा मे स्थापित किया गया था। ऑर्बिटर तबसे निरंतर अपना कार्य कुशलतापूर्वक कर रहा है। चंद्रयान 3 विक्रम लैंडर के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से संचार स्थापित करने की सूचना इसरो ने जारी की है। इधर रूस के लूना 25 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से रूस को ही नही, बल्कि समूचे विश्व के विज्ञान जगत को झटका लगा है। जिसकी भरपायी चन्द्रयान 3 की सफल लैंडिंग से हो सकती है। जिस कारण दुनिया की नजर चन्द्रयान 3 पर हैं।

इसरो का चंद्रयान-3 , 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। लाखों किमी की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। दुनिया, भारत के ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल की कक्षा को सफलतापूर्वक कम कर दिया है और कहा है कि अब चंद्रमा की सतह पर उतारने की तैयारी चल रही है। 23 अगस्त सायं 6.04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग का समय निर्धारित है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
इसरो ने बताया कि यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम रविवार को लैंडर के दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग के सफल समापन के बाद अब लैंडर को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और अंतिम लैंडिंग का प्रयास करने से पहले लैंडिंग स्थल पर यानी चंद्रमा पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा।

चंद्रयान-3 मून मिशन श्रृंखला का तीसरा संस्करण है, जो यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा। साथ ही मून मिशन मे दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।

अंतरिक्ष यान में स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य “अंतर्ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना” है।

लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है। जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक और हमारे देश की अंतरिक्ष एजेंसी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संस्थापक माना जाता है।

 

Moon

चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन

चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन

यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का निष्पादन

श्रोत व फोटो: इसरो।


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