नवजात ग्रह की अद्भुत खोज

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सुदूर अंतरीक्ष में नजर आया नवजात ग्रह

हमारी तरह ग्रहों का भी अपना निश्चित जीवन है। वो पैदा होते हैं और एक समय बाद खत्म हो जाते हैं। उनके जीवन के बीच पैदा होने से खत्म होने तक किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, यह महत्वपूर्ण है। हाल में हुई नवजात शिशु ग्रह की खोज ग्रहों के जीवन की शिशु अवस्था की महत्वपूर्ण जानकारी देता है। खास बात यह है कि इस ग्रह का अभी भी विकास हो रहा है।

यह ऐसी खोज है, जो ग्रहों के पैदा होने के रहस्य को काफी हद तक साफ कर देती है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नवजात ग्रह की खोज की है, धरती से 5 सौ प्रकाश वर्ष दूर है। इसका तारा हमारे सूर्य की तुलना में एक शिशु है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि पहली बार इस तरह के ग्रह की खोज हुई है। इस ग्रह को एमडब्लूसी 758 सी नाम दिया है। यह नवजात ग्रह गैस का है और आकार में पृथवी से बहुत बढ़ा है। पृथ्वी से लगभग 500 प्रकाश वर्ष दूर अपने युवा तारे की परिक्रमा कर रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी उत्पत्ति को बहुत अधिक समय नही हुआ है। कुछ मिलियन वर्ष पहले यह नया सौरमंडल अस्तित्व में आया होगा, जबकि हमारा सौरमंडल 4.6 अरब वर्ष पहले अस्तित्व में आ गया था। हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति के दौरान चारों ओर धूल और गैस की एक डिस्क बनी , जो आज भी मौजूद है। इसे प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क कहा जाता है। खगोलविदों ने पहली बार 2013 में डिस्क में अलग-अलग सर्पिल भुजाएँ देखीं। उस समय के सैद्धांतिक सिमुलेशन ने सुझाव दिया कि विशाल ग्रह सर्पिल भुजाओं के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यह नवजात ग्रह भी अपनी सर्पिल भुजाएँ बना रहा है। साथ ही यह छोटे अन्य अपने साथी ग्रहों को बनने में मदद कर रहा है। भविष्य मे इस सौरमंडल में कई और ग्रह जन्म लेंगे। जिसे बनता देख ग्रहों की उत्पत्ति को समझने में मदद मिलेगी। एरिज़ोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने यह खोज की औऱ इसी माह नेचर एस्ट्रोनॉमी में शोध प्रकाशित हुआ है।

ग्रहों की उत्पत्ति को लेकर अभी भी कई रहस्य बरकरार

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक प्रो आर सी कपूर कहते हैं कि ग्रहों की उत्पत्ति को गहराई से समझना अभी बाकी है। हालाकि इनकी उत्पत्ति कैसे होती है , यह हम समझते हैं, लेकिन बारीकियां को समझना भी बहुत जरूरी है। अब एमडब्लूसी 758 सी ग्रह पर वैज्ञानिकों की नजर रहेगी। जिससे भविष्य में कई जानकारियां मिलेंगी।चंद्रमा की उत्पत्ति का रहस्य भी बरकरार

भले ही चंद्रमा पर अधिकार स्थापित करने के किये दुनिया के देशों में होड़ लगी है और भारत भी चंद्रयान 3 के जरिये चाँद पर अपना वर्चस्व कायम रखना चाहता है। मगर असल बात यह है कि चंद्रमा की उत्पत्ति का रहस्य अभी भी बना हुआ है। इसकी उत्पत्ति को लेकर कई धारणाएं हैं। जिनकी पुष्टि होनी बाकी है।

श्रोत: अर्थ स्काई।

फ़ोटो: हबल।


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