1337 साल बाद चांद हमारे सबसे करीब होगा, पर दिखाई नहीं देगा

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1337 वर्ष बाद चांद हमारे सार्वाधिक करीब होगा, पर दिखाई नहीं देगा
चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच की दूरी रोजाना घटती बढ़ती है। एक दूसरे के सबसे करीबी दोनों ग्रह अपने अपने पाथ में सफर कर रहे होते हैं, लेकिन कुछ पल ऐसे भी आते हैं, जब यह एक दूसरे से दूर पहुंच जाते हैं तो कभी उतने ही नजदीक पहुंच जाते हैं। मगर इस बार यह दोनों एक दूसरे के इतने करीब पहुंच रहे हैं कि नजदीकी का यह संयोग 1337 साल बाद बन रहा है। मगर खास बात यह है कि हमारे काफी नजदीक होने के बावजूद हम इस चांद को देख नही पाएंगे। क्योंकि 21 जनवरी को अमावश होगी।
अंडाकार कक्षा के कारण दूरी में अंतर आता है
पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा एक पूर्ण चक्र नहीं है। इसकी कक्षा का  अण्डाकार आकार होता है। जैसे थोड़ा फैला हुआ चक्र। इसका मतलब है कि एक महीने के दौरान चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी बदल जाती है। चंद्रमा की कक्षा पर वह बिंदु जो पृथ्वी के सबसे निकट है उसे पेरिगी कहतेहै और सबसे दूर का बिंदु अपोजी होता है। सबसे नजदीक होने के कारण चंद्रमा की इस दूरी को अपोजी कहा जाता है।
2368 में और भी नजदीक होगा चांद
टाइमएंडडेट ने पृथ्वी व चन्द्रमा के नजदीकी दूरी की गणना के अनुसार यह तिथियां निर्धारित की हैं, जो निम्नवत हैं –
3 दिसंबर  1030 में 356562
21 जनवरी 2023 में356568
20 जनवरी 2368 में 356559
नजदीकी दूरी का अंतर कोई बहुत बड़ा नही है, जो चंद किमी का रह जाता है। 2,000 साल की अवधि में अमावस्या पर पृथ्वी-चंद्रमा की निकटतम दूरी को देखा गया। तब यह परिणाम सामने आए।
चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच सार्वाधिक दूरी 405000 किमी 
 पृथ्वी व चंद्रमा की दूरी का पता लगाने के लिए लंबे समय तक चंद्रमा की स्थिति के लिए उपलब्ध आंकड़ों का अध्ययन किया गया। यह आंकड़े  कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में मौजूद हैं।  इस डेटा को DE431 में सैट किया गया  है। इस डेटा के अनुसार दूरियों के बीच केवल कुछ किलोमीटर का अंतर है। जिसमें तीन तिथियां सामने आती हैं और खास बात यह है कि यह तिथियां  दिसंबर व जनवरी के करीब आती हैं। चन्द्रमा व  पृथ्वी के बीच की सार्वाधिक  दूरी की बात करें तो यह दूरी आमतौर पर लगभग 405000  किलोमीटर तक पहुंचती है।
नही देख पाएंगे अमावस में चांद को
 11वीं शताब्दी के बाद से यह सबसे नज़दीकी अमावस्या होने जा रही है और यह अमावस कुछ ज्यादा ही बड़ी होगी। इस व्यावहारिक रूप से हम कुछ भी नहीं देख पाएंगे।  क्योंकि अमावस्या को अदृश्य चरण के रूप में जाना जाता है। अमावस्या यह वह जगह है , जहां चंद्रमा कुछ दिनों के लिए दृष्टि से गायब हो जाता है।
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श्रोत: EarthSky & Timeanddate.com.
फोटो:  Babalu Chandra. File Photo.

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