एक साल बाद सफेद चंद्रमा को रवाना होगा यूरोपा क्लिपर  

Share It!

एक साल बाद सफेद चंद्रमा को रवाना होगा यूरोपा क्लिपर  

बृहस्पति के सफेद चंद्रमा यूरोपा की खाक छानने के लिए एक विशेष अंतरीक्ष यान क्लीपर को लॉन्च करने की तैयारी इन दिनों जोरों पर हैं। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में इंजीनियरों और तकनीशियनों को बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा के लिए यूरोपा क्लिपर मिशन के लिए एक नया उपकरण तैयार किया है। यह उपकरण गंध सूंघने का काम करेगा। दरअसल यूरोपा की सतह पर बर्फ की चादर बिछी हुई है। साथ ही इस चंद्रमा के बीच में कई दरारें पड़ी हुई हैं।

जीवन की संभावनाओं को लेकर उम्मीद टिकी हैं इस चंद्रमा पर

बृहस्पति का उपग्रह यूरोपा जीवन के लिए कई मायनों में उपयुक्त माना जाता है। यह चन्द्रमा पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा छोटा है। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग एक-चौथाई है। यूरोपा में ऑक्सीजन का वातावरण बहुत पतला है, फिर भी इसे सौरमंडल में सबसे आशाजनक स्थानों में से एक माना जाता है । इसका वातावरण जीवन के लिये उपयुक्त माना जाता है। जिस कारण नासा समेत दुनिया की बढ़ी स्पेस एजेंसी इस उपग्रह पर जीवन की संभावनाओं को लेकर निरंतर अध्ययनरत हैं। जिसके चलते नासा अंतरीक्ष यान यूरोपा क्लिपर भेजने की तैयारी कर रहा है।

MASPEX मास स्पेक्ट्रोमीटर यूरोपा के रहस्य करेगा उजागर

यूरोपा क्लिपर का MASPEX मास स्पेक्ट्रोमीटर लगा होगा। जिसे खासतौर पर अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। MASPEX यूरोपा की सतह, वातावरण और उपसतह महासागर सहित इसके रसायन विज्ञान का अध्ययन करेगा। यह न केवल जमी हुई सतह पर, बल्कि खारे समुद्र में ही गहरे नीचे की स्थितियों का रहस्य उजागर करेगा। MASPEX यह भी देखेगा कि सतह और महासागर के बीच किस तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साथ ही यह भी जांच करेगा कि बृहस्पति का मजबूत विकिरण यूरोपा की सतह को किस तरह से प्रभावित करता है।

यूरोपा की चौतरफा जांच करने में सक्षम होगा क्लिपर 

यूरोपा क्लिपर यूरोपा पर ही नहीं उतरेगा, बल्कि चंद्रमा के करीबी फ्लाईबाई का संचालन करेगा। वह यूरोपा के जल वाष्प प्लमों के माध्यम से उड़ान भरने में सक्षम होगा और सीधे उनका नमूना ले सकेगा। यूरोपा के प्लम शनि के चंद्रमा एन्सेलेडस के प्लम के समान ही हैं। यूरोपा की सतह पर भूरे रंग की दरारें हैं। जिनसे यूरोपा की सतह की भीतरी सतह की संरचना की जानकारी जुटाने में आसानी होगी।

2030 में यूरोपा की सतह पर उतरेगा क्लिपर 

यूरोपा क्लिपर 2024 में लॉन्च किया जाएगा और छः साल तक निरंतर अंतरीक्ष का सफर करने के बाद 2030 में यूरोपा पहुंचेगा। यह मिशन यूरोपा के उपसतह महासागर का अभूतपूर्व विस्तार से अध्ययन करने के लिए समर्पित पहला मिशन है। वैज्ञानिकों को यूरोपा के महासागर और इसकी सतह पर संभावित रहने योग्य क्षमता की बेहतर समझ प्रदान करेगा। संभवतः जीवन की उपस्थिति को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाएगा।

https://space23lyear.com

श्रोत: नासा ।

फोटो: नासा/जेपीएल-कैल्टेक ।


Share It!