ग्रहों का अद्भुत संयोग, कहां से आया गॉड पार्टिकल 

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ग्रहों का अद्भुत संयोग, कहां से आया गॉड पार्टिकल

बुध, शुक्र, गुरु, मंगल व यूरेनस का संगम होने जा रहा है। इनका प्रभाव किस राशि पर कैसा रहेगा, यह तो ज्योतिषाचार्य ही बता पाएंगे, लेकिन आसमान की सुंदरता पर रुचि रखने वालों के लिए कुछ खास होने जा रहा है। यह संगम पांच ग्रहों के बीच होने जा रहा है, जो मंगलवार 28 मार्च 2023 की सांझ शुरू होते ही शुरू हो जाएगा। खगोल प्रेमियों के लिए यह मौका खास होगा। इस नजारे से परे चलते हैं और ब्रह्माण्ड के अतीत की बात करते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इतर ज्योतिष विज्ञान को कमतर नहीं आंका जा सकता

ग्रहों का एक दूसरे के करीब पहुंचने का क्रम तभी से चला आ रहा है, जबसे हमारा सौर मंडल बना है। हमारा सौर मंडल इतना बढ़ा है कि आज भी हम इसकी तह तक नही पहुंच पाए हैं। मगर इसके बारे में हमारी अलग अलग धारणाएं हैं तो अपना अपना नजरिया है और अनेक विचार हैं। इन सबके बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण अलग स्थान रखता है, तो ज्योतिष विज्ञान को कमतर कतई नहीं आंका जा सकता है। ज्योतिष और विज्ञान ऐसे दो धड़े हैं, जिनके विचार एक दूसरे से जुदा ही रहते हैं। मगर इस सच को कतई नजर नहीं किया जा सकता है कि ज्योतिष ज्ञान तब से चला आ रहा है, जब आधुनिक खगोल विज्ञान अस्तित्व में भी आया था। ग्रह नक्षत्रों को लेकर हमारी तभी से विकसित है, जब दूरबीन का अविष्कार भी नही हुआ था।

ईश्वरीय कण नाम देना, धर्माचार्यों की विजय थी

श्रृष्ठि की रचना किसने की और हमारी कल्पना से भी परे अनंत के सागर में फैला ब्रह्माण्ड कैसे बन गया। सही मायनों में यह सवाल आज भी अनुत्तरित ही हैं। हालाकि वर्तमान दुनिया बिग बैंग को ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति मानते हैं, जिसे आधुनिक खगोल विज्ञान मानता है। जिसकी पुष्टि करीब एक दशक पहले जिनेवा स्थित महा प्रयोगशाला, लार्ज हाइड्रोन कोलाइडर में पुष्टि की गई। मगर यह सबूत भी शत प्रतिशत नही था। मगर मजे की बात यह थी कि यह वह हिग्स बोसोन का वाह कण कहां से आया। तब यह सवाल धर्माचार्यों ने उठाया था और इस एक सवाल ने हिग्स बोसोन को नया नाम देने के लिए मजबूर कर दिया और नाम दिया गया गॉड पार्टिकल यानी ईश्वरीय कण। और यह कण ईश्वर ने ही दिया। अब पता नही इसका असल खुलासा कब होगा, पता नही। मगर हम वर्तमान की तरफ लौट पड़ते हैं, जिसका मनोरम नजारा मंगलवार की शाम को देखने को मिल रहा है। पांच ग्रह एक साथ , एक दूसरे के पास तो उनमें कोई आमने सामने होगा तो अलग कोण लिए पता नही किसकी राशि को प्रभावित कर रहा होगा। जो भी हो इस शाम का आनंद लेना न भूलें।

श्रोत: अर्थ स्काई व स्वयं।

फोटो: विक्टिजी।


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