80 सेमी झुका गया पृथ्वी का पूर्वी किनारा

Share It!

80 सेमी झुका गया पृथ्वी का पूर्वी किनारा

जैसा कि हम जानते हैं ब्रह्माण्ड में कुछ भी स्थिर नहीं है। हमारी पृथ्वी भी इससे अछूती नहीं। इसमें भी बदलाव आते रहते हैं। मगर अब इसमें अब जो बदलाव आया है, वह बेहद चिंताजनक है। इसकी वजह बढ़े पैमाने पर भू- जल निकासी है। जिस कारण पृथ्वी के पूर्वी हिस्से 80 सेमी झुकाव आ गया है। करीब दो दशक के अंतराल में आया यह बदलाव चौंकाने है।
अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन (एजीयू) ने 15 जून को यह आश्चर्यजनक घोषणा की। बताया की पृथ्वी के 8 अरब आबादी ने इतना भूजल पंप किया है कि अपनी दुनिया की फिरकी को कुंद कर दिया है। कृषि, खनन व घरेलू उपयोग के लिए भूजल निकासी ने पृथ्वी के द्रव्यमान में थोड़ा बदलाव आया है। मगर यह बदलाव गंभीर है, जिसकी अनदेखी कतई नहीं की जा सकती। पृथ्वी के भीतर से बड़े पैमाने पर पानी की निकासी ने पृथ्वी को लगभग 31.5 इंच यानी 80 सेमी पूर्व की ओर झुका दिया है। यह जल निकासी केवल 1993 से 2010 के बीच हुई है। शोधकर्ताओं ने 15 जून के पीयर-रिव्यूड जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स के अंक में यह अध्ययन प्रकाशित किया है। भूजल पम्पिंग और पृथ्वी की स्पिन विषयक शोध में 1993 से 2010 के बीच 2,150 गीगाटन भूजल पंप किया गया है। इस भूजल की कमी से समुद्र के जल स्तर में 0.24 इंच (6 मिलीमीटर) से अधिक वृद्धि होगी। इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के घूर्णी ध्रुव को देखा। घूर्णी ध्रुव वह धुरी है जिसके चारों ओर पृथ्वी घूमती है। पानी का वितरण और वजन उस घुमाव को प्रभावित कर सकता है।
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रमुख लेखक का कहना है कि पृथ्वी का घूर्णन ध्रुव वास्तव में बहुत कुछ बदल सकता है। हमारे अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु से संबंधित कारणों से भूजल का पुनर्वितरण वास्तव में घूर्णी ध्रुव के बहाव पर सबसे बड़ा प्रभाव डालता है। वैज्ञानिकों को पहली 2016 में पानी के कारण
पृथ्वी के घूर्णन को बदलने का पता चला था।
है। शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के घूर्णी ध्रुव के बहाव में देखे गए परिवर्तनों की व्याख्या करने के लिए बर्फ की चादरों और ग्लेशियरों पर अध्ययन किया। इसके साथ भूजल पुनर्वितरण को शामिल किया। तब जाकर यह चौंकाने वाला परिणाम सामने आया।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय के अनुसार पृथ्वी के बढ़े हिस्से में जल है। जिसमें पृथ्वी के भीतर का जल का हिस्सा अहम स्थान रखता है, जो पृथ्वी की स्थिरता बनाए रखने में अपना योगदान रखता है। इसलिए पृथ्वी के झुकाव व गति की निगरानी बेहद जरूरी है।
श्रोत व फोटो: नासा


Share It!